मोहनी हत्याकांड: प्रशासन जारी नहीं कर रहा मृत्यु प्रमाण पत्र, पीड़ित पति ने लेखपाल और सचिव पर लगाया गंभीर आरोप 

मोहनी हत्याकांड: प्रशासन जारी नहीं कर रहा मृत्यु प्रमाण पत्र, पीड़ित पति ने लेखपाल और सचिव पर लगाया गंभीर आरोप 

कासगंज, अमृत विचार। अधिवक्ता मोहनी हत्याकांड को लेकर मामला सुलझने के बजाय उलझता ही जा रहा है। पुलिस के बाद अब राजस्व विभाग पर भी आरोप लगने लगे हैं। अधिवक्ता के पति ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए गुहार लगाई है, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र देने के बजाय कागजी कार्रवाई में उलझाये रखा गया है। आरोप है कि क्षेत्रीय पंचायत सचिव से लेकर लेखपाल ने पीड़ित की बात नहीं सुनी। जिसके बाद पीड़ित ने अब मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही है। 

3 सितंबर को महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर न्यायालय के मुख्य द्वार से लापता हो गई थीं। 4 सितंबर की शाम को उनका शव गोरहा नहर में गांव रेखपुर की सीमा के समीप मिला था। उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया। महिला के पति विजतेंद्र तोमर ने शव की शिनाख्त की, लेकिन बाद में जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो फिर से शिनाख्त को लेकर सवाल उठने लगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शव तीन दिन पुराना बताया गया, जबकि महिला का शव, लापता होने के बाद 28 घंटे के अंदर बरामद हो गया था। हालांकि, मामला बढ़ा तो पुलिस ने महिला अधिवक्ता की मां का डीएनए टेस्ट कराया। भले ही अभी डीएनए रिपोर्ट नहीं आई है। लेकिन पुलिस घटना का सही खुलासा करने के कई बार दावे कर चुकी है, लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आ रहा है। न तो महिला अधिवक्ता के मोबाइल और कपड़े बरामद हुए हैं और न ही मुख्य आरोपित गिरफ्तार किए गये हैं। इस मामले में पांच अधिवक्ता, एक विधि छात्र, एक महिला और एक पुरुष जेल में है। जबकि आरोपित सुनील और उसका साथी रजत फरार है। इन दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित है। धीमे-धीमे मामला उलझ रहा है तो पीड़ित परिवार की परेशानी भी बढ़ रही है। महिला अधिवक्ता के पति विजतेंद्र तोमर को मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ी है तो उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई। संबंधित पंचायत सचिव और लेखपाल से मृत्यु प्रमाण पत्र का अनुरोध किया। पति का आरोप है कि सचिव ने लेखपाल और लेखपाल ने सचिव का अधिकार क्षेत्र बताते काम करने से मना कर दिया, लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि मृत्यु प्रमाण पत्र कौन और कब जारी करेगा।

सीमा विवाद भी आया सामने

मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर जब महिला अधिवक्ता का पति सचिव से मिला तो सचिव ने सीमा विवाद बता दिया है। सचिव ने स्पष्ट कर दिया कि उनके अधिकार क्षेत्र से यह मामला बाहर है। पहले राजस्व टीम से सीमा का निर्धारण कराया जाए उसके बाद संबंधित सचिव ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे। लेखपाल पर आरोप है कि यह कहते हुए पति को टाल दिया कि संबंधित सचिव ही इस मामले में आवश्यक कार्रवाई कर सकेंगे। बेवस पति अब मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के लिए लखनऊ जाएगा। पति का कहना है कि वह मुख्यमंत्री से अनुरोध करेगा और कासगंज पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत भी दर्ज कराएगा।

रेनू और बॉबी की रिमांड बढ़ी

महिला अधिवक्ता की हत्या के मामले में आरोपी महिला रेनू और बॉबी की ऑनलाइन रिमांड सुनवाई शुक्रवार को हुई। न्यायालय ने सुनवाई करने के बाद अग्रिम तारीख नियत करते हुए 10 अक्टूबर तक इन दोनों को न्याय हिरासत में रखने का आदेश दिया है।

क्या बोला पति 

पति विजतेंद्र तोमर का कहना है कि एक तो मेरी पत्नी की हत्या हो गई। पुलिस घटना का सही खुलासा नहीं कर पा रही। उसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी नहीं किया जा रहा है। मुझसे कह दिया गया कि मामला सीमा विवाद का है और 21 दिन बीत जाने के कारण डीपीआरओ के आदेश पर प्रमाण पत्र जारी होगा।

जान के लिए खतरा, मांगा शस्त्र लाइसेंस 

महिला अधिवक्ता के पति ने अपनी जान के लिए खतरा बताते हुए शस्त्र लाइसेंस मांगा है। इसकी पत्रावली कुछ ही दिन पहले जिला प्रशासन के संबंधित पटल पर दे दी है, लेकिन आवेदक का कहना है कि पत्रावली देने के बाद अभी तक किसी ने रिपोर्ट लगाने के लिए उनसे संपर्क नहीं किया है। हालांकि, शस्त्र लाइसेंस से जुड़ा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर दिया है।

एडीएम, राकेश पटेल ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में अभी नहीं आया है। मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का कार्य डीपीआरओ कार्यालय से होता है। डीपीआरओ से वार्ता की जाएगी। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र स्वास्थ्य विभाग भी जारी कर सकता है, जो भी होगा इस समस्या का समाधान कराया जाएगा।  

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