हादसों को दावत दे रही रेलिंग विहीन पुलिया, ध्यान देना उचित नहीं समझ रहे अधिकारी

हादसों को दावत दे रही रेलिंग विहीन पुलिया, ध्यान देना उचित नहीं समझ रहे अधिकारी

संजय वर्मा, बाराबंकी। लगता है कि सिचाई विभाग को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। नहर पर बनी पुलिया रेलिंग विहीन है, कई हादसे पूर्व में हो चुके फिर भी विभाग नहीं चेता है। यह पुलिया विगत तीन दशकों से अपने पुर्ननिर्माण की बाट जोह रही है। लगातार शिकायतों के बावजूद नहर पर बने इस पुल की ओर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ध्यान देना उचित नहीं समझा।

विकास खंड त्रिवेदीगंज अंतर्गत राजमार्ग से निकलने वाली लगभग 9 किलोमीटर लंबी वाया तेजवापुर भीतरी संपर्क मार्ग पर आधा दर्जन ईंट भट्ठे व आधा दर्जन से ज्यादा परिषदीय व निजी विद्यालय हैं। इसके अतिरिक्त इस मार्ग पर लगभग दो दर्जन गांव व तीन पंचायतें स्थित हैं। प्रतिदिन सैकड़ो दो पहिया, चार पहिया व बड़े ट्रकों के अतिरिक्त किसानों के तमाम ट्रैक्टर इस मार्ग से होकर गुजरते हैं। पुल पर रेलिंग न होने के चलते दर्जनों बार वाहन सवार पुल से नीचे गिर चुके हैं, कई वाहन नहर में जा गिरे।

नहर पर खतरनाक मोड़ वाली डामर रोड पर बनाए गए पुल की चौड़ाई कम होने के चलते जब भारी वाहन इस पुल पर चालक मोड़ते हैं, उस स्थिति में वाहन का पिछला हिस्सा पुल के बाहर निकल जाने से दुर्घटना का शिकार हो जाता है। इस बारे में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता रवि प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि पुल की चौड़ाई बढ़ाए जाने के लिए दूसरी बार ड्राइंग बनाकर स्वीकृति हेतु  उच्च अधिकारियों को प्रेषित की गई है। स्वीकृत मिलते ही पुल व रेलिंग का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा

सड़क में गड्ढा

ग्रामीण अंचलों की सड़कों की हालत खस्ता

ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों की हालत बड़ी खराब है। काफी दिनों से खराब पड़ी सड़कों पर अब चलना भी दुश्वार हो गया है। अधिकारी अनदेखा करते हुए मरम्मत भी नहीं करा रहे हैं। जिससे प्रतिदिन आवागमन करने वाले हजारों लोगों काे इन गड्ढों से परेशानियां हो रहीं हैं।

मामला ग्राम पंचायत सकौली का है। जिसकी हैदरगढ़ मार्ग से जुड़ी सकौली जाने वाली सड़क पूरी तरह टूट कर ऊबड़ खाबड़ हो चुकी है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों और जिला पंचायत सदस्य ने लोक निर्माण विभाग में कई बार किया। इसके बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं कराई गई। ग्रामीण अवधेश शर्मा, राम सिंह रावत, मदनचंद्र त्रिवेदी, उदयराज यादव, आकाश सिंह, राजेश गौतम, राजकुमार मिश्र, अरविन्द विश्वकर्मा आदि ने बताया कि इस सड़क को पहली बार प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाया गया था। जिसके बार लोक निर्माण विभाग ने अपने हैंडओवर कर लिया। ग्रामीणों का दर्जनों गांव पूरे प्रताप, पूरे भट्ट, पूरे औदान, बड़ी छुलिहा, छोटी छुलिहा, सकौली, अहिरनपुरवा और ठाकुरद्वारा का आवागमन इसी सड़क मार्ग से होता है। गड्ढे होने के कारण वाहन चालकों और राजगीरों को जान का जोखिम बना रहता है। सड़क पर गड्ढे होने के चलते वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। मार्ग की चौड़ाई भी कम है, ऐसे में दो वाहनों का एक साथ निकलना भी दुर्घटना को बढ़ावा देता है।

सड़क हल्की सी बारिश होने पर तालाब बन जाती है। जिससे आवागमन में बाइक सवार गड्ढों का अंदाजा नहीं लगा पाते और गिरकर बुरी तरह चोटिल हो जाते हैं। वहीं लोक निर्माण निभाग के सहायक अभियंता अरविंद मिश्रा ने बताया कि सभी क्षतिग्रिस्त मार्गों की पैचिंग के लिये फंड आया है। बारिश का मौसम खत्म होने के बाद सभी मार्गों की रिपेयरिंग कराई जाएगी।