गोंडा: 80 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड लखनऊ से गिरफ्तार 

जीवन बीमा के मेच्योरिटी भुगतान का झांसा देकर की थी 80 लाख की ठगी 

गोंडा: 80 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड लखनऊ से गिरफ्तार 

गोंडा, अमृत विचार। जिले के साइबर थाने की पुलिस ने जीवन बीमा के मेच्योरिटी भुगतान के नाम पर 80 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए उसके मास्टरमाइंड को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया जालसाज मेच्योरिटी की धनराशि दिलाने के नाम पर बीमाधारकों से रुपये ऐंठने का कार्य कर रहा था।

आरोपी के बैंक खाते में पुलिस ने एक करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन पकड़ा है और इसकी जांच में जुटी है।  कोतवाली नगर के सिविल लाइन क्षेत्र के रहने वाले  पीडी मिश्रा के मुताबिक उन्होने अपनी पत्नी के नाम पर वर्ष 2013 में एक जीवन बीमा की पॉलिसी ली थी लेकिन किसी कारण वश वह बीमा की रकम नहीं जमा कर सके।

पीडी मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2021 में उनके पास सचिन नाम के एक व्यक्ति का फोन आया की बीमा की 4 लाख रुपये जमा धनराशि को वापस लेने के लिए दूसरे के नाम से बीमा करवाना पड़ेगा। अपनी जमा धनराशि वापस पाने के लिए पीडी मिश्रा ने सचिन के कहने पर 12 जीवन बीमा पॉलिसी परिवारजनों के नाम से करवा ली और किस्त के नाम पर करीब 80 लाख रूपये अलग अलग खातों में जमा करा दिए लेकिन न तो उन्हें मेच्योरिटी की धनरााशि मिली और न ही उनके जमा किए गए रुपये ही वापस हुए। 

ठगी का एहसास होने पर पीडी मिश्रा ने साइबर थाने में सचिन व विजय राठौर समेत 13 आरोपियों के खिलाफ जालसाजी व आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी थी। एसपी विनीत जायसवाल ने मामले के खुलासे के लिए साइबर/सर्विलांस सेल सहित टीमों का गठन किया था। पुलिस टीम आरोपियों की  तलाश में जुटी थी। गुरुवार को पुलिस टीम ने ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए अवध बस स्टेशन लखनऊ से सचिन नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया आरोपी सचिन न्यू रेलवे कालोनी, आनन्द नगर, थाना- कोतवाली टूण्डला जनपद फिरोजाबाद का रहने वाला है। 

पुलिस पूछताछ में सचिन ने बताया कि वह पहले भिन्न- भिन्न निजी बीमा कम्पनीयों में काम कर चुका है। वहां से बंद पड़े बीमों का विवरण लेकर वह बीमा धारकों को मेच्योरिटी भुगतान के टैक्स आदि के नाम पर फर्जी नाम पते के मोबाइल नम्बर से बात करके मेच्योरिटी भुगतान का झांसा देता है और फिर गिरोह के सदस्यों को खातों में पैसा मंगा लेता है। 

इस दौरान पैसा देने वाले को भरोसे में लिया जाता है कि यह धनराशि उसके भुगतान में जुड़कर वापस हो जायेगी। पुलिस की छानबीन में सचिन के बैंक खाते में एक करोड़ रुपये का लेनदेन सामने आया है। इसकी पड़ताल की जा रही है। आरोपी के पास से पुलिस ने एक मोबाइल फोन व एक हजार रुपये नकद बरामद किया है। साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश यादव ने बताया कि इसके पहले साइबर थाने की पुलिस वादी पीडी मिश्रा के खाते में  4,43,669 रुपये वापस करा चुकी है।

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