Kanpur: सिलेंडर से मालगाड़ी में आग लगाने का था मंसूबा, नोजल खोलकर पटरी पर रखा गया सिलेंडर
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर से 35 किमी दूर महाराजपुर थानाक्षेत्र में स्थित प्रेमपुर रेलवे स्टेशन से 100 मीटर की दूरी पर लूप लाइन पर सिलेंडर रखकर मालगाड़ी को पलटाने की साजिश के मामले में सोमवार को एक नई बात सामने आई है। फोरेंसिक सूत्रों ने बताया कि जिस 5 किलो के सिलेंडर को ट्रैक पर रखा गया था उसका नोजल खुला हुआ था।
अंदेशा यह जताया जा रहा है कि साजिशकर्ताओं ने भरे सिलेंडर की नोजल खोलकर तड़के ट्रैक पर सिलेंडर रखा होगा। जिससे टकराने पर निकलने वाली चिंगारी से धमाका हो जाए और आग लग जाए। सूत्र बताते हैं घटनास्थल पर बियर के केन, नमकीन के पैकेट, पानी और जूस की बोतल मिली है, उससे इस घटना में कई लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। सोमवार को भी सिविल पुलिस समेत अलग-अलग टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और जांच पड़ताल की।
जांच टीमें इस बात की जानकारी कर रही हैं कि साजिशकर्ताओं ने इस बार मेन लाइन को छोड़कर लूप लाइन को क्यों चुना। फोरेंसिक सूत्रों ने बताया कि एक्सपर्ट को सिलेंडर पर कुछ फिंगर प्रिंट मिले हैं जिन्हें संदिग्धों से मिलान करवाएंगे। फोरेंसिक को घटनास्थल से 200 मीटर आगे और पीछे मिट्टी में फुटप्रिंट भी मिले हैं।
साजिशकर्ता हाईवे किनारे ट्रैकों को ही चुन रहे
साबरमती एक्सप्रेस, फर्रुखाबाद में स्पेशल पैसेंजर, शिवराजपुर में कालिंदी एक्सप्रेस और अब प्रेमपुर में मालगाड़ी को डिरेल करने की साजिश में एक बात साफ है कि साजिशकर्तओं ने हाईवे किनारे ट्रैकों को चुना है। तीनों घटनाओं में एक गांव से दूसरे गांव को जाने के लिए ट्रैक से ही चोर रास्ता मिला है।
सिलेंडर को लेकर घरों में पूछताछ
पुलिस टीम ने आसपास के 35 घरों में सिलेंडर को लेकर पूछताछ की। पुलिस ने आठ संदिग्धों को रविवार को पूछताछ के लिए उठाया था। उनसे पूछताछ जारी है।
गैस एजेंसी वालों से मांगा रिकार्ड
गैस एजेंसी वालों से भी संपर्क किया गया है। उसने पूछा गया है कि मैजिक शब्द लिखे सिलेंडर के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाए कि वह हाल फिलहाल कहां कहां सप्लाई हुए थे। सूत्रों ने बताया कि गैस एजेंसी संचालकों ने बताया कि यह बहुत मुश्किल है।
स्टेशन से आना सबसे ज्यादा आसान
पुलिस की अब तक की जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि जहां पर सिलेंडर रखा मिला वहां पर प्रेमपुर स्टेशन से पहुंचना ज्यादा आसान है।
डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह के अनुसार घटनास्थल पर कोई सीसी टीवी न होने के कारण दिक्कत आ रही है। यहां पर सब मेनुएल इंटेलीजेंस से काम करना है।
रेलवे कर्मियों और गांव वालों से पूछताछ
सोमवार दोपहर डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे और ट्रैक का बारीकी से निरीक्षण किया। इसके बाद ट्रैक किनारे-किनारे जांच करते हुए प्रेमपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां रेलवे कर्मियों से पूछताछ की। यहां रुकने वाली चारों पैसेंजर ट्रेनों के बारे में पूछा। उनके साथ आरपीएफ व स्थानीय पुलिस थी।
सोमवार शाम जीआरपी, आरपीएफ व पुलिस की टीमों ने प्रेमपुर व बड़ागांव में ऐसे सभी दुकानदारों के घरों की तलाशी ली जो ठेलों पर छोटे सिलेंडर रखते हैं। प्रेमपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे भी देखे गए। घटनास्थल के आसपास व दोनो गांवों के पास काम करने वाले मजदूरों से भी पूछताछ हुई।