लखनऊ: नर्सों का पदनाम बदला, स्टफ नर्स की जगह हुआ नर्सिंग ऑफिसर, 65 हजार को मिलेगा फायदा

नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती की योग्यता में भी हुआ बदलाव

लखनऊ: नर्सों का पदनाम बदला, स्टफ नर्स की जगह हुआ नर्सिंग ऑफिसर, 65 हजार को मिलेगा फायदा

लखनऊ, अमृत विचार।  उत्तर प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में तैनात नर्सों का पदनाम बदल गया है। अब स्टाफ नर्स को नर्सिंग अधिकारी का पदनाम मिल गया है।

दरअसल, केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत नर्सों का पदनाम पहले ही परिवर्तित हो गया था,लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन कार्यरत नर्सों का पदनाम नहीं बदला गया था। लंबे समय से प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में तैनात नर्स पदनाम परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही थी। वह संघर्ष अब रंग लाया है।

शासन की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में नर्सिंग संवर्ग के पदनाम में संसोधन किया गया है। स्टाफ नर्स के पदनाम को बदल कर अब नर्सिंग अधिकारी कर दिया गया है। वहीं नर्सिंग सिस्टर व नर्सिंग वार्ड मास्टर को सीनियर नर्सिंग अधिकारी बुलाया जायेगा। 

उत्तर प्रदेश में तैनात नर्सों की तरफ से साल 2016 से पदनाम परिवर्तन के लिए संघर्ष किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि शासन की तरफ से जारी पत्र में नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती की योग्यता में भी बदलावा हुआ है। भर्ती के लिए बीएससी ऑनर्स के साथ 6 महीने का अनुभव होना भी जरूरी है। जबकि जिन्होंने नर्सिंग में डिप्लोमा कर रखा है, उन्हें सरकारी सेवा में जाने के लिए ढाई वर्ष के अनुभव की भी जरूरत होगी।

अशोक कुमार
राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार

 

राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि इस आदेश से प्रदेश की 65 हजार नर्सेस को फायदा होगा। इतना ही नहीं इस आदेश का लाभ संविदा पर तैनात नर्सों को भी मिलेगा, उनका पदनाम भी बदलेगा। लेकिन यह आदेश आने में कई साल लग गये। इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है, तब जाकर आज यह दिन आया है। उन्होंने बताया कि यह देरी प्रशासनिक अधिकारियों की वजह से हुई है।

ऑल इण्डिया रजिस्टर्ड नर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग वर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ ही कई प्रदेशों में नर्सों का पदनाम बदल दिया गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश में अब जाकर पदनाम बदला गया है। यूपी में अभी तक केवल एसजीपीजीआई और केजीएमयू में तैनात नर्सिंग ऑफिसर को इस पदनाम से संबोधित किया जाता था, लेकिन अब चिकित्सा शिक्षा में कार्यरत सभी नर्सों को इसका लाभ मिलेगा।

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