UP में 64 विभागों की लापरवाही आई सामने, मंत्रिमंडल को नहीं भेजी कार्ययोजना

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का विभाग भी है शामिल

UP में 64 विभागों की लापरवाही आई सामने, मंत्रिमंडल को नहीं भेजी कार्ययोजना

धीरेंद्र सिंह, लखनऊ,अमृत विचार। राज्य सरकार के मंत्री समूह को न विभागों की कार्ययोजना मिल रही है, न रोडमैप। यह बात कई मंत्रियों की नाराजगी के बाद कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की ओर से जारी शासनादेश में सामने आया है। शासन के 64 विभागों ने दो साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी 100 दिन से लेकर पांच साल तक की कार्ययोजना और रोडमैप प्रस्तुत नहीं किया है। सख्त निर्देश दिए गए हैं कि इसे तत्काल सीएमआईएस पोर्टल पर फीड करने के साथ ही प्रत्येक माह की 5 तारीख तक अपडेट करेगें। 

कार्ययोजना और रोडमैप नहीं देने वाले 64 विभागों में केवल 48 कैबिनेट, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्रियों के विभाग ही नहीं हैं, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद व ब्रजेश पाठक के विभागों की ओर से भी लापरवाही बरती गई है। 

कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को 17 मई 2022 को जारी शासनादेश की याद दिलाते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर सख्त आदेश जारी किया है। कहा गया है कि मंत्रिमंडल के समक्ष विभागों द्वारा प्रस्तुत रोडमैप व कार्ययोजना सीएमआईएस पोर्टल पर तत्काल फीड करने की अपेक्षा की गई थी। लेकिन अभी तक शीर्ष अधिकारियों के अधीन 64 विभागों की कार्ययोजना पोर्टल पर फीड नहीं हुई है। यह भी निर्देश था कि पोर्टल पर फीड 6 माह, 1 साल, 2 साल और 5 साल का रोडमैप व कार्ययोजना प्रत्येक माह की 5 तारीख तक पोर्टल पर अद्यतन प्रगति अपडेट कराना सुनिश्चित करेंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। 

मंत्री मंडल

मंत्री मंडल दो

 

प्रारूप के तहत इन विभागों से मांगी कार्ययोजना

प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने मंत्रिमंडल के समक्ष विभाग द्वारा प्रस्तुत 100 दिन से लेकर 6 माह, 1 साल, 2 साल और 5 साल का रोडमैप व कार्ययोजना प्रत्येक माह की 5 तारीख तक पोर्टल पर फीड करने के लिए प्रारुप तय करते हुए 64 विभागों के शीर्ष अधिकारियों से तय कालम के अनुसार सूचना मांगी है। इसमें आयुष, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, नागरिक उड्डयन, चिकित्सा शिक्षा, भाषा, सूचना, आई एवं इलेक्ट्रानिक्स, कृषि, नगर विकास व नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन,अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, एनआरआई, कार्मिक, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, गृह एवं गोपन, पर्यटन, खादी एवं ग्रामोद्योग, ग्राम्य विकास, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायती राज, मत्स्य, माध्यमिक शिक्षा, संस्थागत वित्त, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, आवास एवं शहरी नियोजन, उच्च शिक्षा, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, खाद्य एवं रसद, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, धर्मार्थ कार्य, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, पिछड़ा वर्ग कल्याण, प्राविधिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, भूतत्व एवं खनिज कर्म, व्यवसायिक शिक्षा, श्रम, सचिवालय प्रशासन, समाज कल्याण, लोक निर्माण, आबकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, खेलकूद, पशुधन, रेशम विकास, सहकारिता, हथकरघा एंव वस्त्रोद्योग, अतिरिक्त उर्जा श्रोत, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, ऊर्जा विभाग, कारागार विभाग, दिव्यांगजन एंव सशक्तिकरण, दुग्ध विकास, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, परिवहन, बाल विकास पुष्टाहार, महिला कल्याण, युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा, राज्य कर, संस्कृति, सिंचाई, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन और होमगार्ड विभाग शामिल है।

यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर चुनाव: मुर्तजा खान के समर्थन में अमित शाह ने मांगा वोट, कहा- पाकिस्तान को मोदी का डर होने के कारण सीमा पर शांति