बाराबंकी : शिकायतों पर गठित टीमों ने की जांच, तो खुली भ्रष्टाचार की परतें

बीडीओ को गौशाला में नहीं मिला भूसा, चरही में डलवाते ही खाने को टूटी पड़े मवेशी

बाराबंकी : शिकायतों पर गठित टीमों ने की जांच, तो खुली भ्रष्टाचार की परतें

रामनगर/ बाराबंकी,  अमृत विचार । विकास खंड रामनगर की आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों से मिली अलग-अलग शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए खंड विकास अधिकारी के द्वारा शिकायतों की सत्यता जांचने के लिए टीमें गठित की गई। जांच कमेटियां सक्रिय हुई। जाँच कमेटी द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत बरियारपुर में ग्रामीणों के द्वारा मनरेगा में बाहरी श्रमिकों द्वारा कार्य कराया जाता है। ग्राम  प्रधान के पति सहित अन्य लोगों का जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी का पैसा भेजा जाता है तथा 40 श्रमिकों की ऑनलाइन हाजिरी भरे होने के बाद भी कार्यस्थल पर किसी भी श्रमिक का कार्य करते हुए फोटो नहीं होने आदि की शिकायत की जांच करने पर सत्यता पाई गई है। अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

ग्राम पंचायत भरसवां का कुछ भाग नगरपंचायत में समायोजित होने के बावजूद वहीं के लोगों का मस्टररोल जारी कर भुगतान किए जाने की शिकायत की जांच में सही पाया गया। जिसकी रिकवरी कराई गयी। ग्राम पंचायत लालूपुर में दिव्यांग मैना देवी पुत्री गंगाराम को आवास आवंटित कर पहली किस्त जारी की गयी उसी बीच आवास लाभार्थी की मृत्यु हो गयी। जिसके बाद पिता गंगाराम के नाम कालोनी आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। जिसकी  शिकायत की जांच में गंगाराम का पक्का मकान पाए जाने पर जांच कमेटी द्वारा रिकवरी कराने की संस्तुति की गई। ग्राम अमोली कला निवासी विनय कुमार शुक्ल पुत्र कमलेश कुमार को आवास के लिए एक लाख दस हजार रुपये जारी होने के बाद अपात्रता की शिकायत होने पर जांच में सत्यता पाई गई जिस पर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 

वहीं गौआश्रय स्थल कटियारा में बीते 26 जुलाई 2024 की दोपहर 12 बजे खंड विकास अधिकारी द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिसमें गौशाला में गंदगी फैली मिली तथा मवेशियों की चरही खाली पाई गई। जिस पर बीडीओ ने स्वयं खड़े होकर अपने सामने तत्काल गौशाला की सफाई करवाकर चरही में भूसा डलवाया। जिसे खाने के लिए जानवर टूट पड़े। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए बीडीओ के द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया। इसके बाद बीडीओ ने ग्राम पंचायतों में संचालित गौशालाओं के ग्राम प्रधानों व सचिवों के साथ बैठक कर पशुओं को चारा देने का समय व भूसा आने की मात्रा और तिथि बोर्ड पर अंकित कराए जाने को कहा था। जिस पर उक्त निर्देशों का पालन नही किया गया था।

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