बाराबंकी: मठाधीश बने बैठे हैं खंड प्रेरक, देवा ब्लॉक की प्रगति सबसे खराब

शौचालयों के पुर्ननिर्माण समेत कई कार्यों की नहीं दी रिपोर्ट, खराब कर रहे ब्लॉकों की प्रगति

बाराबंकी: मठाधीश बने बैठे हैं खंड प्रेरक, देवा ब्लॉक की प्रगति सबसे खराब

बाराबंकी, अमृत विचार। खंड विकास कार्यालयों में तैनात खंड प्रेरक मठाधीश बने बैठे हैं। न तो समय से विभागीय सूचनाओं की रिपोर्ट दे रहे हैं न फील्ड में जा रहे हैं। ब्लॉक और विभाग के आलाधिकारियों की नजर इन पर नहीं पड़ रही है।व्यक्तिगत शौचालयों के पुर्ननिर्माण की जीओ टैग की प्रगति के मामले में देवा ब्लॉक सबसे फिसड्डी दिख रहा है। यह हम नहीं बल्कि ऑॅनलाइन रिपोर्ट बता रही है।

वहीं ग्राम पंचायतों द्वारा खरीदे गए ई-रिक्शा की मांगी गई सूचना के बाद भी पांच ब्लॉकों द्वारा आज तक रिपोर्ट नहीं दी गई। इस मामले में भी देवा ब्लॉक शामिल है। निर्माण कार्यों की मॉनीटरिंग के साथ शौचालय के प्रति लोगों में जागरुकता लाने आदि का काम खंड प्रेरकों के जिम्मे हैं। इसके अलावा कई अन्य विभागीय सूचनाओं की रिपोर्ट आदि तैयार करने में इनका रोल होता है। जिले के 15 ब्लॉकों पर करीब 30 से 32 खंड प्रेरक तैनात हैं। किसी ब्लॉक में एक तो किसी में इनकी संख्या दो भी है लेकिन देवा समेत कई ब्लॉकों में खंड प्रेरक मठाधीश बने बैठे हैं। 

इन पर ब्लॉक और विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते ब्लॉकों की प्रगति खराब हो रही है। प्रेरकों द्वारा फील्ड में न जाने से समय पर सूचनाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं। डीपीआरओ कार्यालय से सूचना मांगी गई थी कि कितने पंचायतों में ई-रिक्शे की खरीद हुई है। इसकी रिपोर्ट भेजे। 

खंड प्रेरकों द्वारा इसकी रिपोर्ट तैयार कर एडीओ पंचायत स्तर से भेजना था लेकिन देवा समेत बनीकोडर, बंकी, सूरतगंज और पूरेडलई द्वारा आज तक यह सूचना नहीं दी गई है। इसी तरह टूटे-फूटे व्यक्तिगत शौचालयों का रेट्रोफिटिंग सर्वे का काम खंड प्रेरकों को करना था। इस मामले में सबसे खराब प्रगति देवा की जो सूची में सबसे ऊपर है। 

यहां के खंड प्रेरक छोटेलाल यादव द्वारा कार्य में रूचि नहीं दिखाए जाने से यह स्थिति बन गई है। फील्ड पर जाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। और मठाधीश बने हैं। इसी तरह दरियाबाद, बनीकोडर, सिद्धौर, सूरतगंज और हरख ब्लॉक में खंड प्रेरकों की लापरवाही से प्रगति खराब दिख रही है।

 एडीओ पंचायत और बीडीओ भी इस ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस संबंध में डीपीआरओ नितेश भोंडेले ने बताया कि खंड प्रेरकों के कार्याे की समीक्षा की जाएगी। जो सूचना मांगी गई है उनमें देरी पर संबंधित से जवाब मांगा जाएगा। जवाबदेही तय की जाएगी।

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