जानवर आते जाते रहते हैं यह भी चला जाएगा, बाराबंकी में बोले वन संरक्षक सरयू वृत्त अयोध्या

वन संरक्षक सरयू वृत्त अयोध्या के बयान पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री अरूण सक्सेना ने जताई नाराजगी

जानवर आते जाते रहते हैं यह भी चला जाएगा, बाराबंकी में बोले वन संरक्षक सरयू वृत्त अयोध्या

बाराबंकी, अमृत विचार। जिस जंगली जानवर की दहशत में रामनगर क्षेत्र के ग्रामीण ठीक से नींद नहीं ले पा रहे, शाम ढलते ही बाहर निकलने से कतरा रहे, दिन में अपने बच्चों को बाहर निकलने नहीं दे रहे। उसी क्षेत्र का दौरा करने आए वन संरक्षक सरयू वृत्त अयोध्या यह कहकर कि जंगली जानवर हैं आते जाते रहते हैं यह भी अपने आप चला जाएगा, अपने चौपहिया वाहन से वापस कूच कर गए। 

उनके इस बयान से वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता साफ झलक रही है। आतंक का पर्याय बने जंगली जानवर वह चाहे तेंदुआ हो या जंगली भेड़िया, उसको पकड़ने के लिए जाल बिछान व पूरा जोर लगाने के बजाए अफसरों ने प्रभावित क्षेत्र को पिकनिक स्पाट बनाकर रख दिया है। 

बताते चलें कि गत शुक्रवार को थाना रामनगर के ग्राम पुरैना निवासी मोहन कुमार करीब दस गांव के निकट स्थित एक खेत में अपने जानवरों को चरा रहा था। इस दौरान गन्ने के खेत किनारे से निकले हुए मार्ग पर एक जंगली जानवर को घूमता देखकर उसने चीख पुकार शुरू कर दी। जंगली जानवर की आहट पाकर मवेशी भी भाग खड़े हुए। शोर शराबा सुनकर जानवर गन्ने के खेत मे चला गया और मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई।

 इसकी जानकारी पीआरवी व वन विभाग को दी गयी। वहीं विभागीय अधिकारियों ने भी मौके का दौरा किया। हालांकि ग्रामीणों को सतर्क करने के साथ ही किसी जंगली जानवर होने का संभावना जताई गई। जंगली जानवर या तेंदुए की संभावना के बीच झूल रहे प्रभावित गांव व आस पास के गांवों के रहने वालों के मन में दहशत घर कर गई और इनके घरों के बाहर शाम होते ही सन्नाटा पसर गया। 

डर इस कदर कि दिन की रोशनी में भी बच्चों को बाहर निकलने नहीं दिया गया और मवेशी चराने का काम दिन में ही लाठी डंडों के साथ मुस्तैद होकर पूरा किया। पदचिन्ह मिलने के बाद वन विभाग के जिम्मेदार इस बात से इनकार नहीं कर रहे कि यह तेंदुए के भी हो सकते हैं पर इसकी पुष्टि भी नहीं कर रहे। जबकि वन अधिकारियों को इस मामले में एक्सपर्ट माना जाता है।

 जैसे कि बहराइच में नौ लोगों को शिकार बनाने वाले जानवर के भेड़िया होने की पुष्टि हो गई, यही हाल सीतापुर का भी है। इन जिलों में अधिकारियों की गंभीरता बाराबंकी में सिरे से गायब दिख रही। अधिकारी हों या बाकी वन कर्मी सब केवल दिन में ही दौरा करते दिख रहे, रात में सबकी मुख्यालय वापसी हो रही। उधर दहशत से घिरे ग्रामीण बेबस हैं और अपनों की चिंता में दोहरे हुए जा रहे। 

जानवर आते जाते रहते हैं, यह भी चला जाएगा

वन विभाग के जिम्मेदार पद पर बैठे वन संरक्षक सरयू वृत्त अयोध्या समीर कुमार कहते हैं कि जंगली जानवर हैं, आते जाते रहते हैं। इनसे भयभीत होने की नहीं बल्कि जागरूक होने की जरूरत है। जंगली जानवर के तेंदुआ होने की संभावना है। जानवर की निगरानी की जा रही, स्टाफ लगा हुआ है। जंगली जानवरों के आने जाने के अजीबो गरीब बयान पर ग्रामीणों ने भी काफी नराजगी जताई।

बयान देने से काम नहीं चलेगा, सक्रियता बढ़ाएं अधिकारी

चीफ कंजरवेटर के बयान का हवाला देकर सूबे के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री अरूण सक्सेना से बात की गई तो वह काफी नाराज हुए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने से काम नहीं चलेगा। आमजन की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। बाराबंकी के डीएफओ को निर्देश दिए गए हैं कि वह हर संभव प्रयास कर दहशत बढ़ने पर लगाम लगाएं। जानवर को तलाशें और उसे पकड़कर डर दूर करें।

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