बलरामपुर: प्रसव कराने के बदले नर्स ने वसूले 3500, आयुष्मान कार्ड के बाद भी नहीं मिला इलाज 

बिना इलाज रात भर अस्पताल के बाहर तड़पते रहे जच्चा-बच्चा

बलरामपुर: प्रसव कराने के बदले नर्स ने वसूले 3500, आयुष्मान कार्ड के बाद भी नहीं मिला इलाज 

बलरामपुर, अमृत विचार। मरीजों के साथ अभद्रता व धनउगाही के लिए लगातार सुर्खियों में रहने वाले जिला महिला अस्पताल में कर्मचारियों की संवेदनहीनता चरम पर है। बीते बुधवार को उतरौला के बक्सरिया इमिलिया निवासी प्रदीप कुमार शुक्ल ने अपनी गर्भवती पत्नी गुड़िया को अस्पताल में भर्ती कराया। आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद स्टाफ नर्स ने प्रसव के नाम पर 3500 रुपये वसूले, बल्कि जच्चा-बच्चा को अस्पताल से बाहर भी कर दिया। रात भर संयुक्त जिला अस्पताल में बिना दवा इलाज के जच्चा-बच्चा राम भरोसे रहे। सुबह पुन: जिला अस्पताल पहुंचने पर उसे शाम चार बजे तक बिना इलाज के बैठाए रखा गया। इस बीच गुड़िया को रक्तस्राव भी होता रहा। प्रदीप अस्पताल कर्मियों के सामने गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन कोई नहीं पसीजा। हो हल्ला मचाने के बाद शाम चार बजे एंबुलेंस से जच्चा-बच्चा को घर भेजा गया।

प्रदीप ने बताया कि बुधवार को शाम छह बजे पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। रात करीब नौ बजे छोटे ऑपरेशन से प्रसव कराया गया। लेबर रूम की स्टाफ नर्स ने सामान्य प्रसव कराकर 3500 रुपये वसूल लिए। अमानवीयता की हद तो तब हो गई जब प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को भर्ती करने के बजाय बेड न होने की बात कहकर बाहर निकाल दिया। कहा कि अगर नहीं जाओगे, तो धक्के मारकर बाहर निकाल देंगे। यहां से उसे संयुक्त जिला अस्पताल भेजा गया। महिला अस्पताल से उसे रेफर का कोई कागज नहीं दिया गया, जिससे संयुक्त जिला अस्पताल में कोई दवा इलाज नहीं हुआ। किसी तरह वहां रात गुजारने के बाद सुबह फिर रिक्शा से महिला अस्पताल आया। गुड़िया के ग्लूकोज के बोतल से खून निकल रहा था, जिसे हाथ में लेकर प्रदीप अस्पताल में भटकता रहा। फिर भी शाम चार बजे तक बैठाए रखा। दवा इलाज के लिए कहने पर वहां की स्टाफ फर्जी केस में फंसाने की धमकी देने लगी। किसी तरह पत्नी की दवा आदि मिलने के बाद मीडियाकर्मी के पहुंचने पर एंबुलेंस से घर भेजा गया।

शिकायत पर होगी जांच 
यहां के मरीज बहुत शरीफ हैं। यदि किसी स्टाफ ने मरीज के साथ ऐसा किया है, तो मामला गंभीर है। यदि मरीज या उसके परिवारजन लिखित करते हैं, तो इसकी जांच कराई जाएगी। शिकायत सही मिलने पर दोषी स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी-डा. सुमन दत्त गौतम, सीएमएस

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