'भाजपा के प्रति अपना नजरिया बदलें मुसलमान', बोले मुख्तार अब्बास नकवी
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुसलमानों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रति अपने नजरिये में बदलाव लाने की अपील की।
पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे की भाजपा सदस्यता अभियान की प्रांतीय कार्यशाला के सम्बोधन में नकवी ने गुरुवार को कहा कि दशकों से चले आ रहे मुसलमानों के “ भाजपा हराओ रिवाज को भाजपा जिताओ मिज़ाज” में बदलने के लिए हमें समाज के भय-भ्रम को भरोसे में बदलने के लिए भरसक प्रयास करना होगा, जब भाजपा किसी के विकास में कमी नहीं करती तो उसे वोट में कंजूसी नाजायज़ है।
नकवी ने कहा कि विपक्षी दलों का सेक्युलर सिंडिकेट मुसलमानों को अपने वोटों की जागीरदारी समझ बैठा है जिससे मुसलमानो को सावधान रहने की जरुरत है। उन्होने कहा “ सामन्ती सुल्तानों के तथाकथित सेकुलर सिंडीकेट के दुष्प्रचार से पैदा भ य-भ्रम के चलते एक राष्ट्रीय-राष्ट्रवादी राजनैतिक दल के साथ अस्पृश्यता और असहिष्णुता के रवैये को भरोसे में बदलना ही वक्त की मांग है। कुछ सियासी सामन्ती सूबेदारों के संविधान, लोकतंत्र, सेक्युलरिज़्म और अल्पसंख्यकों पर ख़तरे के भय-भ्रम और भौकाल से देश के अल्पसंख्यकों को प्रगति की राष्ट्रीय धारा से अलग-थलग करने की सोंच और साजिश से सावधान होने का यही समय है सही समय है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा और मोदी-योगी ने "तुष्टीकरण के सियासी छल को सशक्तिकरण के समावेशी बल" से ध्वस्त कर समावेशी विकास-सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण की प्राथमिकता से विकास और विश्वास का पुख़्ता माहौल और वैश्विक स्तर पर भारत की धाक-धमक को मजबूत किया है।
उन्होंने कहा कि “ जो नेता लोकतंत्र के मंदिर में मत्था टेक संविधान को सीने से लगाकर सुशासन के समावेशी सफ़र को आगे बढ़ा रहे हों उन पर संविधान विरोधी का आरोप "झूठ के झाड़ से सच के पहाड़ पर प्रहार" से ज्यादा कुछ नहीं है। हमें सोशल नेटवर्किंग साइट्स के साम्प्रदायिक, समाज तोड़क दुष्प्रचारों से भी समाज को सचेत करना होगा, क्योंकि आज हकीक़त से ज्यादा कहीं की ईट कहीं का रोड़ा जोड़कर फ़र्जी फ़साना फैलाने वाले साईबर साज़िशों के गुरुघंटाल काफी सक्रिय हैं।”
कांग्रेस पर तंज कसते हुए नक़वी ने कहा कि कांग्रेस आजकल बिना शतक के शरारत की सनक में अपने को "प्रेशर पंम्प" साबित करने की डींग मारने में जुटी है कि "पप्पू के प्रेशर पंम्प" का कमाल है कि सरकार बैकफुट पर है, ऐसी खुशफहमी गलतफ़हमी साबित होगी। नक़वी ने कहा कि कांग्रेस के गोदी गिरोह में "खानदान अनेक, पर ख्वाहिशें एक" हर सामन्ती सूरमां सत्ता की सूबेदारी के सपने में सांप सीढ़ी के खेल में जुटा है, यही खेल यहां भी सामन्ती सुल्तान और समाजवादी टीपू के बीच चल रहा है।
उन्होंने संसद में आए वक़्फ संशोधन विधेयक पर कहा कि वक़्फ व्यवस्था के असंवैधानिक अराजकता को संवैधानिक व्यवस्था के दायरे में लाना वक़्फ और वक्त की जरूरत है, जेपीसी में चल रहे मंथन से अमृत जरूर निकलेगा, इस संवैधानिक सुधार पर स्वार्थी वार ठीक नहीं है।
नक़वी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेहरू-इन्दिरा जी से ज्यादा लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक मर्यादाओं और पंथनिरपेक्ष संकल्प के झंडाबरदार हैं, इसके लिए किसी "सेकुलर सिन्डीकेट के प्रमाणपत्र" की जरूरत नहीं है, भारत के प्रजातंत्र की संवैधानिक ताक़त को परिवार तंत्र की साम्प्रदायिक आफ़त से अपहरण नहीं किया जा सकता। इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, यूपी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन अशफ़ाक़ सैफी, अल्पसंख्यक मोर्चा के यूपी अध्यक्ष बासित अली एवं अन्य प्रमुख लोगों मौजूद रहे।
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