भारत बंद : सुप्रीम फैसले के खिलाफ अब कई राजनैतिक पार्टियां, उप वर्गीकरण के विरोध में भारत बंद अभियान को दिया समर्थन

लखनऊ, अमृत विचार : अनुसूचित जाति, जनजाति आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बहुजन समाज पार्टी भी खुलकर मैदान में उतर गई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बाद मंगलवार को मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय समन्यवयक आकाश आनंद ने भी इसका ऐलान किया है। इससे पहले चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी ने भारत बंद अभियान को अपना समर्थन दिया था।
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बहन मायावती ने आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के उप वर्गीकरण के आदेश का पुरजोर तरीके से विरोध किया है। उन्होंने कहा कि बहन जी के दिशा निर्देश पर बसपा के सभी कार्यकर्ता हाथ में नीला झंडा और हाथी निशान लेकर बुधवार को बंद के समर्थन में सड़क पर आएं। उन्होंने अपील की है कि कानूनी दायरे में रहते हुए संवैधानिक और शांतिप्रिय तरीके से अपना विरोध दर्ज कराएं। सतीश चंद्र मिश्रा ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे दलित, शोषित और वंचित समाज के लोगों को उप वर्गीकरण के बारे में पूरी जानकारी देकर इसके प्रति उन्हें जागरूक करें। उन्होंने भारी से भारी संख्या में लोगों से पहुंचने की अपील की है।
हमारे समाज की आजादी पर हमला: आकाश
बसपा के राष्ट्रीय समन्यवक आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में हमारे समाज ने 21 अगस्त ने भारत बंद का ऐलान किया है। हमारा समाज शांतिप्रिय है। सबके सुख-दुख में शामिल रहता है। आज हमारे समाज की आजादी पर हमला हो रहा है। 21 अगस्त को हमारा समाज शांतिपूर्ण तरीके से इसका करारा जवाब देगा।
मायावती ने की थी विशेष सत्र बुलाने की अपील
सुप्रीम कोर्ट से उप वर्गीकरण का फैसला आने के बाद मायावती ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर इसे निष्प्रभावी करने के लिए बिल लाया जाए। मायावती का कहना है कि इससे दलित समाज का बड़ा नुकसान होगा। इस समाज के साथ भेदभाव अभी जारी है। कोर्ट ने क्रीमी लेयर को लेकर जो आदेश दिया है राज्य सरकारें उसका गलत इस्तेमाल करेंगी। इसी फैसले के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने 21 अगस्त को देश व्यापी बंद का ऐलान किया था। इसमें सैकड़ो संगठनों ने पहले ही समर्थन दिया है। सरकार इसे लेकर पूरी तैयारी कर रही है। पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों को अतिसंवेदनशील मानते हुए वहां सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।
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