Kanpur: सटोरिया मासूम गिरफ्तार; बोला- पुलिस से बचने के लिए अवनीश दीक्षित को देता था इतने रुपये...

जमीन कब्जाने के आरोपी जीतेश झा की तलाश में शुक्लागंज में छापेमारी

Kanpur: सटोरिया मासूम गिरफ्तार; बोला- पुलिस से बचने के लिए अवनीश दीक्षित को देता था इतने रुपये...

कानपुर, अमृत विचार। सिविल लाइंस स्थित 1700 करोड़ की नजूल भूमि कब्जाने के प्रयास के मामले में फरार चल रहे आरोपी जीतेश झा की तलाश में कोतवाली व फीलखाना पुलिस ने शुक्लागंज के ब्रह्मनगर मोहल्ले में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस ने जीतेश की पत्नी व भाई को हिरासत में लिया और पूछताछ की। 

वहीं सोमवार को कर्नलगंज पुलिस ने शहर के चर्चित सटोरिये को गिरफ्तार किया। जिसमें उसने बताया कि वह पुलिस ने बचाने के कथित पत्रकार के माध्यम से अवनीश को पैसे देता था।

28 जुलाई को सिविल लाइंस स्थित नजूल की जमीन कब्जाने के प्रयास में लेखपाल विपिन कुमार ने कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें हरेंद्र मसीह, राहुल वर्मा, मौरिस एरियल, कमला एरियल, अभिषेक एरियल, अर्पण एरियल, प्रेसक्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित, जीतेश झा, मोहित बाजपेई, संदीप शुक्ला, विक्की चार्ल्स, अब्बास व जितेंद्र आरोपी है। 

मामले में अब तक सिर्फ पुलिस अवनीश को गिरफ्तार कर सकी है, बाकी आरोपी फरार चल रहे है। पुलिस के मुताबिक मामले में श्री आनंदेश्वर एसोसिएट्स फर्म का मुख्य प्रोप्राइटर जीतेश झा है। फर्म में जीतेश के अलावा 8 और साझेदार है। जिसमें रामप्रताप सिंह, सुधांशु तिवारी, शरद कुमार शुक्ला, देशराज वर्मा, हरिओम गुप्ता, संदीप शुक्ला, अमित प्रताप सिंह व मोहित बाजपेई के नाम शामिल हैं। 

जीतेश झा ने 7 मई 2024 में फर्म का रजिस्ट्रेशन कराया था, इस फर्म में राजा भैया के करीबी अमित सिंह उर्फ मीतू भी 22 प्रतिशत के साझेदार है। सोमवार को एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार की टीम ने शातिर सटोरिये मासूम को गिरफ्तार किया। पुलिस को मासूम के पास से 5100 रुपये और एक डायरी मिली है। 

एडीसीपी ने बताया कि मासूम के खिलाफ दो दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज है। मासूम जुआ माफिया है, पूछताछ में उसने सनी जायसवाल, लकी ठाकुर, राजा अहिरवार व किदवई नगर निवासी विकास अवस्थी का नाम बताया है। एडीसीपी ने बताया कि सटोरिये ने जिनके नाम बताए है वो वसूलीबाज हैं और खुद को पत्रकार बताते हैं। 

पूछताछ में पता चला कि विकास किसी भी अखबार व चैनल में खबर न चलने के एवज में मासूम से 5000 रुपये प्रति सप्ताह लेता था और पुलिस से बचाने के लिए अवनीश दीक्षित की तरफ से गारंटी लेता था। एडीसीपी ने बताया कि पुलिस के मुताबिक डायरी में बहुत सा हिसाब लिखा है, जिसकी जांच की जा रही है।

यह भी पढ़ें- इटावा में अखिलेश यादव बोले- पीडीए ने भाजपा के एमवाई को हराकर दिखाया दम