बाराबंकी: हर ब्लॉक में कैटल कैचर, सड़कों पर मवेशियों की बारात, राहगीरों की जान को खतरा

बाराबंकी, अमृत विचार। जिले में छुट्टा पशुओं को पकड़कर गोशाला पहुंचाने के लिए हर ब्लॉक और निकायों में कैटल कैचर होने की व्यवस्था का दावा किया जा रहा है लेकिन इन मवेशियों को पकड़ने के लिए न कोई योजना है और न ही इसके प्रति जवाबदेही तय की गई है। अब आलम यह है कि छुट्टा मवेशियों की बारात सड़कों पर निकल रही है। ऐसे में राहगीरों की जान को खतरा बना रहता है। संबंधित विभाग केवल कागजों पर गोवंशों को पकड़ने का अभियान चला रहा है।
जिले में तीन स्थायी और 28 अस्थायी समेत कुल 31 गोशालाएं संचालित हैं। यहां विभाग करीब 28 हजार गोवंश संरक्षित करने का दावा पशु पालन विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा छुट्टा गोवंशों को गोशाला में पहुंचाने के लिए विभाग के पास कैटल कैचर भी हैं। विभाग कैटल कैचर की मदद से गोवंशों को गोशाला पहुंचाने का दावा तो करता है, लेकिन दावे के उलट जिले की सड़कों पर तमाम छुट्टा पशु घूम रहे हैं।
अमृत विचार की टीम ने शुक्रवार को छुट्टा मवेशियों को लेकर कई जगहों पर पड़ताल की। शहर में गुरुवार से लेकर शुक्रवार की शाम तक पड़ताल में पाया कि शहर के कई मोहल्लों में छुट्टा मवेशी घूमते दिखे। इनमें शहर के दीनदयाल नगर, विजय नगर, आजादनगर, विकास भवन मार्ग, कटरा आदि विभिन्न स्थानों पर गोवंश घूमते दिखे। यहीं हाल रेलवे स्टेशन रोड की तरफ जाने वाले मार्ग का दिखा। यहां पर भी छुट्टा गोवंश दिखे।
इसके अलावा देवा के सलारपुर के पास, रामनगर, फतेहपुर, हैदरगढ़, सिरौलीगौसपुर आदि तहसील क्षेत्रों में छुट्टा मवेशियों की बारात बीच सड़क पर देखने को मिल रही है। इनके पकड़ने के भले ही संसाधन ब्लाॅक और निकायों में कैटल कैचर के रुप में मौजूद हों लेकिन प्रशासन और विभाग द्वारा छुट्टा मवेशियों को पकड़ने के लिए कोई अभियान नहीं चल रहा है अौर न ही कोई योजना बनाई गई है। ऐसे में बारिश के चलते यह मवेशी खेतों की बजाय सड़कों पर अपना डेरा जमाए हुए हैं। जो राहगीरों के लिए जानलेवा साबित होते हैं।
अक्सर होती रहती है दुर्घटना
छुट्टा गोवंशों के कारण अक्सर दुर्घटना होती रहती है। कुछ दिन पहले हैदगढ़ कस्बे में एक बाइक सवार सांड़से टकराए जाने से बुरी तरह से घायल हो गया था। इलाज के दौरान उसकी मौत भी हो गई गई थी। इसके अलावा रामनगर में कई माह पहले बाइक सवार के टकराने से दो युवक बुरी तरह से चोटिल हुए थे। इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों में छुट्टा घूम रहे मवेशियों की चपेट में आकर कईयों की जान जा चुकी है और कई घायल होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं।
हमलावर सांड का वीडियों देख खड़े हो गए रोंगटे
पिछले दो दिनों सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियों में एक हमलावर सांड एक महिला को बुरी तरीक से अपने सींग से कुचल रहा है। इस दौरान एक दो और छुट्टा मवेशियों की मौजूदगी भी दिख रही है। एक मोहल्ले में बीच सड़क पर हमलावर सांड द्वारा महिला को घसीट-घसीट कर मारते हुए दिख रहा है जबकि आसपास के लोग इस दृश्य को देख रहे है लेकिन किसी ने हिम्मत नहीं जुटाई कि उस महिला की जान बचा सके। हमलावर सांड का यह वीडियाे शहर के लखपेड़ाबाग मोहल्ले का बताया जा रहा है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। हालांकि यह वीडियो कहा का है अमृत विचार इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
गोशालाओं में 28 हजार मवेशी हो रहे संरक्षित
पशुपालन विभाग का दावा है कि स्थाई और अस्थाई गोशालाओं में इस समय करीब 28 हजार के आसपास मवेशियों को संरक्षित किया जा रहा है। इनके देखरेख पर धनराशि भी खर्च की जा रही है। बीडीओ भ्रमण कर यहां की व्यवस्थाओं का जायजा भी ले रहे हैं। इतनी भारी तादाद में छुट्टा मवेशियों की सेवा होने के बाद भी सड़कों पर घूम रहे छुट्टा मवेशियों से लोगों को निजात नहीं मिल रही है। और न ही अब इनके पकड़ने का कोई इंतजाम हो रहा है।
गोशालाओं में करीब 28 हजार मवेशी संरक्षित हो रहे हैं। छुट्टा मवेशियों का पकड़ने के लिए सभी ब्लॉकों और निकायों में कैटल कैचर उपलब्ध है। अभी एक दो माह पहले अभियान चलाकर मवेशी पकड़े गए थे। जल्द ही अभियान फिर चलाने की योजना बनाई जाएगी..,डॉ.अतुल अवस्थी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।
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