हल्द्वानी: जेल में बिगड़ने से बचा सौहार्द, बनभूलपुरा हिंसा के आरोपियों ने रची साजिश

हल्द्वानी, अमृत विचार। दो लोगों के बीच हुए विवाद को उप कारागार में साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। बनभूलपुरा हिंसा के आरोपियों व एक युवक के बीच हुई तीखी नोकझोंक के बाद से साजिश रची गई और इसका शिकार एक बंदी रक्षक हुआ। हिंसा के आरोपियों के आरोप पर जेल प्रशासन ने बंदी रक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है।
जेल प्रशासन के मुताबिक सोमवार को बनभूलपुरा हिंसा के कुछ आरोपी व एक अन्य मामले का आरोपी जेल परिसर में खड़े थे। बनभूलपुरा हिंसा का आरोपी दीवार पर हाथ रखकर खड़ा था। तभी पड़ोस में खड़े दूसरे मामले के आरोपी ने यह कह दिया कि बदबू आ रही है, हाथ नीचे कर लो। इसी बात पर दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हो गई। जानकारी मिलते ही बंदी रक्षक मौके पर पहुंच गए।
करीब एक घंटे तक गहमागहमी का माहौल रहा और डांट-डपट कर सभी को अलग कर दिया गया। मामला जेल अधीक्षक तक पहुंचा तो मामले को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। बनभूलपुरा हिंसा के आरोपियों ने आरोप लगाया कि जेल के नाई ने उनकी दाढ़ी काट दी। जबकि उससे दाढ़ी काटने को नहीं कहा था। वहीं खड़े अन्य मामले के आरोपी ने दाढ़ी जल्दी बनाने को लेकर उससे बदसलूकी की और बंदी रक्षक ने उनसे अभद्र भाषा में बात की।
हालांकि जब मामले में सभी लोगों से अलग-अलग पूछताछ की गई तो मामला साफ हो गया। दाढ़ी बनाने वाले नाई ने भी कहा कि उससे बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी ने जैसी दाढ़ी बनाने को कहा, उसने वैसे ही बनाई। बाद में सभी पक्षों ने अपनी-अपनी गलती स्वीकार कर क्षमा-याचना कर ली। बंदी रक्षक को उसकी वर्तमान ड्यूटी से हटाकर उससे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
कुछ लोगों के बीच कहासुनी हुई थी। मौके पर पहुंचे बंदी रक्षकों ने मामले को संभाल लिया। इस पूरी घटना का दाढ़ी काटने से कोई संबंध नहीं है। अभद्र भाषा प्रयोग करने पर बंदी रक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
- प्रमोद पांडेय, जेल अधीक्षक