बदायूं: डबल मर्डर के दोषी को उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना भी लगाया

बदायूं, अमृत विचार। पांच साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड में अपर सत्र न्यायाधीश कुमारी निधि ने दोषी को उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। एडीजीसी मदन लाल राजपूत के अनुसार 30 जुलाई 2019 को मोहम्मद मियां ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उनका भतीजा आतिफ पुत्र इकबाल सुबह 9 बजे घर से कहीं गया था। काफी देर तक घर पर वापस न आने पर उसकी तलाश की। फोन किया तो नंबर बंद जा रहा था। लेकिन भतीजे का कुछ पता नहीं चला।
वह आतिफ को तलाश रहे थे इसी दौरान वह मोहल्ला सोथा पहुंचे। जहां कसीमउद्दीन फारुखी के घर के बाहर भीड़ लगी थी। मोहम्मद मियां ने घर के भीतर घुसकर देखा तो आतिफ और पास में ही मसलाउद्दीन फारुखी उर्फ शब्लू घायल पड़े थे। वह दोनों घायलों को उठाकर जिला अस्पताल ले गए। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना की। जांच के बाद पुलिस ने जिला संभल के थाना गुन्नौर के मुंडा मार्केट निवासी जहांगीर अहमद उस्मानी को हत्या के आरोप में जेल भेजा। साथ ही आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। तब से मामला कोर्ट में विचाधीन था।
मंगलवार को न्यायाधीश ने उपरोक्त पत्रावली पर साक्ष्यों का अवलोकन करके एडीजीसी मदन लाल राजपूत, अधिवक्ता अतुलेश कांत सक्सेना और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलें सुनी। एडीजीसी और वादी के अधिवक्ता की बहस के दौरान बताया गया कि दोषी और मृतक साथ में कोचिंग पढ़ते थे। दोस्ती में विश्वासघात करके दोनों की हत्या की गई थी। दोनों पक्ष को सुनने के बाद आरोपी जहांगीर को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
जिस तिथि को हत्या, उसी दिन मिला न्याय
जिस तिथि को आतिफ और मसलाउद्दीन की हत्या हुई थी उसी तिथि को पीड़ित परिवार को न्याय मिला है। 30 जुलाई को ही हत्यारोपी जहांगीर अहमद को कोर्ट ने सजा सुनाई है। वहीं घटना का दिन मंगलवार और सजा का दिन भी मंगलवार रहा।
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