प्रयागराज: कोविड वार्ड के सामने OPD में कार्यरत कर्मचारी भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभ का हकदार

प्रयागराज: कोविड वार्ड के सामने OPD में कार्यरत कर्मचारी भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभ का हकदार

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड महामारी के दौरान वार्ड के सामने ओपीडी में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से लाभान्वित करने के मामले में कहा कि सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली लाभकारी योजनाओं को तकनीकी तरीके से नहीं पढ़ा जाना चाहिए और उन्हें समग्र रूप से देखना चाहिए।

कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बीमा योजना केवल कोविड-19 से लड़ने वाले उन स्वास्थ्य कर्मियों पर लागू नहीं होगी, जो सीधे कोविड वार्ड में काम कर रहे हैं।

ऐसी संकीर्ण व्याख्या किसी कल्याणकारी योजना के उद्देश्यों को पूर्णता प्रधान नहीं करती है। यह योजना उन लोगों के लिए लाई गई थी, ड्यूटी के दौरान जिनके प्रभावित होने की संभावना थी, चाहे वह कोई सुरक्षा गार्ड हो या कोई अन्य कर्मचारी। उक्त आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने साधना साहू की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया।

कोर्ट ने माना कि याची के पति कोविड वार्ड के ठीक सामने ओपीडी में काम कर रहे थे। अतः वह इस योजना के लाभों के हकदार हैं और अधिकारियों द्वारा दी गई योजना की संकीर्ण व्याख्या इस योजना के उद्देश्यों के विपरीत है। अंत में कोर्ट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए लागू बीमा योजना के लाभ उसकी विधवा को दिए जाने का निर्देश दिया।

दरअसल, उक्त योजना के तहत याची का दावा इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उसके पति की मृत्यु 28 मार्च 2020 से 3 महीने की अवधि समाप्त होने के बाद हुई थी और वह सीधे तौर पर कोविड वार्ड में काम नहीं कर रहा था।

इस पर कोर्ट ने कहा कि 28 मार्च 2020 के आदेश ने उन सभी स्वास्थ्य कर्मियों को लाभ प्रदान करने की बात कही है, जिन्हें संक्रमण का खतरा हो सकता है, चाहे वह सीधे तौर पर कोविड वार्ड में कार्यरत हों या ना हों।

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