यूपी पुलिस के दरोगा का हैरतअंगेज कारनामा, बना डाली खुद की नकली क्राइम ब्रांच टीम...व्यापारियों को टारगेट कर कई लाख लूटे

यूपी पुलिस के दरोगा का हैरतअंगेज कारनामा, बना डाली खुद की नकली क्राइम ब्रांच टीम...व्यापारियों को टारगेट कर कई लाख लूटे

वाराणसी। वाराणसी पुलिस के दरोगा का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां दरोगा नकली क्राइम ब्रांच बनाकर बिहार बॉर्डर तक वसूली का रैकेट चला रहा था। पुलिस के पैटर्न पर रेड करने के कोडवर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। वाराणसी पुलिस ने लाखों रुपये की लूट की एक घटना का खुलासा करते हुए इस केस में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से लूट के 8 लाख 5 हज़ार रुपये और 2 पिस्टल बरामद हुए हैं।

असली दरोगा की नकली क्राइम ब्रांच
चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें से एक आरोपी सब इंस्पेक्टर है। खुद चौकी इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर लूट की घटना में संलिप्त था। वह कैंट थाना अंतर्गत नदेसर चौकी पर पोस्टेड था। वाराणसी में असली दरोगा की नकली क्राइम ब्रांच का पर्दाफाश होने के बाद कई वारदातों के पोल खुल गए हैं।

पुलिस पूछताछ में सामने आई ये बात
पुलिस पूछताछ में बात सामने आई है कि रेड के वक्त दरोगा या मास्टरमाइंड सूर्य प्रकाश पांडेय को सभी 'सरजी' कहकर बुलाते थे। एक-दूसरे को 'दरोगाजी' कहते थे। कोई किसी का नाम नहीं लेता था। बिहार बॉर्डर से लेकर प्रयागराज तक रियल स्टेट, सर्राफा और बड़े आढ़ती को निशाना बनाते थे। जब कारोबारी को पकड़ लेते, उसके बाद दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय को बुलाया जाता। ये लोग सिर्फ उन्हीं कारोबारियों को टारगेट करते थे, जो लूट के बाद तुरंत पुलिस के पास न जाएं। लूट के वक्त सिर्फ सूर्य प्रकाश वर्दी में होता था, बाकी सादी वर्दी में होते थे। 

कौन है सूर्यप्रकाश पांडे?
जानकारी के अनुसार पुलिस भर्ती के 2019 बैच का दरोगा सूर्यप्रकाश पांडे प्रयागराज के कर्नलगंज का रहने वाला है। उसके पिता वशिष्ठ पांडेय पुलिस में डिप्टी एसपी रहे हैं। सूर्यप्रकाश भी पिता की नौकरी के दौर में कई साल परिवार के साथ रहा। पिता के रिटायरमेंट के बाद ही सूर्य प्रकाश की भी नौकरी लग गई और वह दरोगा बन गया। उसने नौकरी पाते ही अमीर बनने की ठान ली।

जांच में पता चला है कि यहां उसकी शिकायतें होती रहती थीं। दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे महंगे गैजेट्स का शौकीन है। दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे के खिलाफ पुलिस ने रामनगर थाने में दर्ज केस को डकैती में बदल दिया है। 

लूट-डकैती के आरोप में जमानत याचिका खारिज
पुलिस का कहना है कि दरोगा वारदात के दौरान हमेशा बिना नंबर की कार का इस्तेमाल करता था, यह कार उसके बड़ागांव में रहने वाले साथी नीलेश की है। पुलिस ने दरोगा को गिरफ्तारी के बाद सीधे ACJM कोर्ट में पेश किया। जहां पर उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पेशी के दौरान दरोगा का वकील ने जमानत की मांग की। हालांकि जज ने लूट और डकैती के आरोप में जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

वहीं, काशी जोन डीसीपी गौरव बंसवाल ने कहा कि पूछताछ के दौरान कई और लूट के बारे में इनपुट मिले हैं। इनमें कुछ और कारोबारी शामिल हैं। उनसे वारदात कहां-कहां हुई। इनमें क्या कोई और भी शामिल है, इसकी भी जांच SOG और रामनगर पुलिस कर रही है।

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