आरओ-एआरओ पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन को मिली जमानत

आरओ-एआरओ पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन को मिली जमानत

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरओ-एआरओ और पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल मिश्रा को बड़ी राहत देते हुए उसे जमानत दे दी है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की एकलपीठ ने प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में 2 मार्च को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार द्वारा दर्ज मामले में राजीव को राहत देते हुए पारित किया। इससे पहले राजीव नयन को मेरठ, नोएडा और कौशांबी में दर्ज मामलों में भी हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। कौशांबी पुलिस ने आरओ-एआरओ पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड राजीव नयन सहित 23 सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। कौशांबी पुलिस ने मंझनपुर, कोखराज व प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में दर्ज मुकदमों को आधार बनाकर गैंगस्टर के तहत कार्यवाही की है। इस कारण राजीव अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। इन दिनों वह मेरठ जेल में बंद है। 

मालूम हो कि 11 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने कई शहरों में आरओ/एआरओ की भर्ती परीक्षा आयोजित कराई थी, जिसका पेपर राजीव ने प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुशील रघुवंशी से 10 लाख में लिया था और इससे उसने लगभग एक करोड़ रुपए कमाए। परीक्षा में अनियमितता की बात सामने आने पर परीक्षा को रद्द करने की मांग लेकर प्रदेश के कई शहरों में हफ्तों तक उग्र प्रदर्शन हुआ। लगभग 20 दिनों के बाद सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी। इस मामले में अब तक करीब 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जो अलग-अलग जेलों में बंद हैं। राजीव का नाम अब तक कुल चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में सामने आया है। रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2019 में राजीव भोपाल के ही तरुणेश अजारिया से मिला। तरुणेश पैसा लेकर भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करवाने का काम करता था। तरुणेश से जुड़ने के बाद अतुल वत्स ने राजीव की मुलाकात डॉ. शरद पटेल से करवाई। शरद उस वक्त पेपर लीक गिरोह संचालित कर रहा था। शरद ने राजीव को नोएडा के रवि अत्री से मिलवाया। इस तरह पूरा गैंग बनता चला गया। 

नवंबर 2021 में यूपी अध्यापक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक हुआ। पुलिस ने जांच शुरू की तो राजीव का नाम सामने आया। कौशांबी की पुलिस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया। मंझनपुर थाने में केस दर्ज हुआ, फिर उसे जेल भेज दिया गया। जांच में पता चला कि टीईटी का पेपर संतोष चौरसिया ने लीक कर राजीव को दिया था। इसी तरह वर्ष 2023 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्टाफ नर्स की संविदा भर्ती परीक्षा हुई, जिसका पेपर राजीव और तरुणेश ने ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी एमईएल के कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर लीक करवाया, जिससे राजीव ने करीब 50 लाख रुपए कमाए। ग्वालियर में मामला दर्ज हुआ और उसे फिर जेल हुई, लेकिन कुछ वक्त बाद जमानत मिल गई।

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