Kanpur: एमएसएमई को नगर निगम क्षेत्र में भी मिले गृहकर छूट; व्यापारियों ने प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर उठाई मांग

Kanpur: एमएसएमई को नगर निगम क्षेत्र में भी मिले गृहकर छूट; व्यापारियों ने प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर उठाई मांग

कानपुर, अमृत विचार। एमएसएमई में सिर्फ सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों को गृहकर में छूट का मुद्दा शासन तक पहुंच गया है। सभी इकाइयों को व्यावसायिक से आवासीय गृहकर में लाने और फैसला नगर निगम क्षेत्र में भी लागू करने की मांग तेज हो गई है। दो औद्योगिक संगठनों ने इस बारे में पहल की है। मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश ने इस बाबत प्रमुख सचिव को पत्र भेजा है तो लघु उद्योग भारती ने नगर विकास एवं नियोजन मंत्री को पत्र लिखकर अपनी मांग दोहराई है।

शासन ने 28 जून को नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित सूक्ष्म व लघु औद्योगिक इकाइयों को गृह कर में छूट दी है। अब इस राहत का दायरा क्षेत्र बढ़ाने के लिए औद्योगिक संगठनों ने मांग की है। पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने नगर निगम के दायरे में आने वाले उद्यमियों को कोई छूट नहीं दी है। 

मर्चेंट चेंबर ऑफ एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर इस राहत में एमएसएमई सेक्टर की सभी इकाइयों को शामिल किए जाने की मांग की है। लघु उद्योग भारती ने भी इस राहत को नगर निगम क्षेत्र में जल्द लागू किए जाने की मांग उठाई है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि वे इस मुद्दे को लेकर वर्ष 2016 से संघर्ष कर रहे हैं। अब जब राहत दी गई तो सिर्फ एक छोटे वर्ग को शामिल किया गया है।

हम लोग लंबे समय से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं। कई मंचों पर मांग उठाई जा चुकी है। राहत में तीन गुने कर का अंतर है। ऐसे में इसे नगर निगम क्षेत्र में भी लागू किया जाना चाहिए। पूरे प्रदेश में इसे एक बड़े क्षेत्र से दूर किया गया है। -अमन घई, अध्यक्ष, कानपुरसंभाग, लघु उद्योग भारत

उद्यमियों को आधी अधूरी राहत का कोई मतलब नहीं है। इस निर्णय से कुछ उद्यमियों को राहत मिलेगी जबकि कुछ के लिए स्थिति पहले जैसी ही है। शहर के कारोबारियों को इससे कोई राहत नहीं मिलेगी। -सुशील शर्मा, चेयरमैन, इंडस्ट्री कमेटी, मर्चेंट चेंबर यूपी

इस निर्णय में छोटे उद्यमियों के सभी सेक्टर को शामिल किया जाना बहुत जरूरी है। एमएसएमई सेक्टर में थोड़ी सी पूंजी लगाकर कारोबारी अपना व्यापार करते हैं। उन्हें मिलने वाली राहत सभी को समान रूप से मिलनी चाहिए। -मनीष कटारिया, चेयरमैन, इन्फ्रास्ट्रक्चर कमेटी, मर्चेंट चेंबर यूपी

हम लोग लंबे समय से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं। अभी तक राहत नहीं मिली है। राहत में तीन गुने कर का अंतर है। ऐसे में इसे नगर निगम क्षेत्र में भी लागू किया जाना चाहिए। पूरे प्रदेश में इसे एक बड़े क्षेत्र से दूर किया गया है। -हरेंद्र मूरजानी, प्र. उपाध्यक्ष, लघु उद्योग भारती

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