चमोली: दलित ने नहीं बजाया ढ़ोल तो पंचायत ने ठोका जुर्माना और कर दिया हक-हकूकों से वंचित रखने का ऐलान

चमोली, अमृत विचार। विकासखंड जोशीमठ के सुभाई-चांचड़ी गांव में एक धार्मिक आयोजन में एक दलित शख्स बीमार होने की वजह से मंदिर में ढोल बजाने नहीं आ पाया, तो कथित रूप से दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया। भारत-चीन सीमा के पास नीति घाटी में स्थित सुभाई गांव की स्थानीय पंचायत ने इस बहिष्कार की रविवार को घोषणा की।
गांव में अनुसूचित जाति के करीब छह परिवार हैं, जिनकी कई पीढ़ियां गांव में होने वाले सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सवों में ढोल बजाती रही हैं, लेकिन पुष्कर लाल नामक शख्स बीमार होने के कारण एक धार्मिक आयोजन में ढोल बजाने नहीं जा सका, जिसके बाद स्थानीय पंचायत ने पूरे समुदाय के सामाजिक बहिष्कार का आदेश दे दिया। पंचायत के एक सदस्य को एक वीडियो में कथित तौर पर बहिष्कार की घोषणा करते हुए और आदेश का पालन नहीं करने पर ग्रामीणों को इसी तरह के परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए देखा गया।
पंचायत के आदेश के अनुसार, अनुसूचित जाति के परिवारों को गांव में जंगल और जल संसाधनों का उपयोग करने, दुकानों से आवश्यक सामान खरीदने, वाहनों में आने-जाने और मंदिरों में जाने से प्रतिबंधित करने के ऐलान किया गया है। पीड़ित परिवारों ने जोशीमठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें रामकृष्ण खंडवाल और यशवीर सिंह नामक दो लोगों पर यह आदेश जारी करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस ने उनकी तहरीर पर 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पूरे मामले में फिर से आपको बता दें कि बीती अप्रैल माह में गांव में बैसाखी मेला था। जिसमें उनकी जाति के ढोल वादक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन स्वास्थ्य खराब के कारण वह ढोल नहीं बजा पाए। आरोप है कि इससे नाराज गांव के सवर्णों ने पंचायत बुलाकर पुष्कर लाल पर 5000 रुपये का जुर्माना लगा दिया। बताया कि पुष्कर ने तीन मई को जुर्माने की रकम भी जमा कर दी, लेकिन इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ।
आरोप है कि ग्रामीणों ने गांव में पंचायत बुलाकर अनुसूचित जाति के परिवारों का बहिष्कार करने और जल, जंगल, जमीन से वंचित रखने का निर्णय लिया है, उन्हें गांव के प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी न भरने देने की बात भी कही गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जोशीमठ कोतवाली के प्रभारी राकेश भट्ट ने बताया कि गांव के 28 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
कल जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह, एसडीएम जोशीमठ चंद्रशेखर वशिष्ट और कोतवाल राकेश चंद्र भट्ट ने गांव में जाकर पीड़ित पक्ष से बात की। उनके बयान लिए गए। साथ ही उन्हें मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है बहरहाल देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।