Kanpur: मरीजों की परेशानी होगी दूर, हैलट अस्पताल में ठीक होंगे वेंटिलेटर; कंपनी को मरम्मत कार्य के लिए मिले 40 लाख रुपये

Kanpur: मरीजों की परेशानी होगी दूर, हैलट अस्पताल में ठीक होंगे वेंटिलेटर; कंपनी को मरम्मत कार्य के लिए मिले 40 लाख रुपये

कानपुर, अमृत विचार। हैलट अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को अब वेंटिलेटर के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। न ही मरीजों की वेंटिंग हो सकेगी। क्योंकि कोविड काल में पीएम केयर फंड से आए सौ में से 90 वेंटिलेटरों का संचालन मरम्मत कार्य के बाद किया जाएगा। इसके लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा कंपनी को 40.16 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है। बचे 10 वेंटिलेटर का भी निरीक्षण कंपनी के रिसर्च व डेवलपमेंट द्वारा किया जाएगा। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में कानपुर के साथ ही 18 जिलों से मरीज इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल के पास जो भी पर्याप्त वेंटिलेटर है, उनके माध्यम से डॉक्टर अस्पताल में आने वाले मरीजों की जान बचाने का पूरा प्रयास करते है। लेकिन कभी-कभी मरीजों की संख्या अधिक होने पर वेंटिलेटर के लिए मरीजों की वेटिंग हो जाती है। 

ऐसे में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने पीएम केयर फंड से आए वेंटिलेटरों के संचालन के लिए बेल कंपनी से अधिकारियों से वार्ता की थी। इस पर कंपनी ने 90 वेंटिलेटर के मरम्मत व सीएमसी की संस्तुति कर प्रस्ताव जीएसवीएम कॉलेज को उपलब्ध कराया। जिस संबंध मंए कॉलेज प्रशासन ने कंपनी को 40 लाख 16 हजार 086 रुपये का भुगतान छह जुलाई को कर दिया है। 

कॉलेज प्रशासन के मुताबिक पीएम केयर फंड से प्राप्त बेल कंपनी के वेंटिलेटर किसी भी स्थिति में कबाड़ नहीं है। सौ में से 90 वेंटिलेटरों का भुगतान सीएमसी व मरम्मत के लिए हो चुका है। बचे 10 वेंटिलेटर का निरीक्षण कंपनी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट द्वारा किया जाएगा। 90 वेंटिलेटरों की सीएमसी व मरम्मत कर क्रियाशील करने का प्रस्ताव दिया गया है। 

बता दें कि शासनादेश में पहले चिकित्सीय उपकरणों का सीएमसी क्रय दर पांच प्रतिशत था, जिसकी वजह से चार साल पुराने वेंटिलेटर, जिसमे से कई क्रियाशील भी थे, उनकी मरम्मत एवं सीएमसी नहीं हो पा रही थी। लेकिन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.संजय काला के प्रयासों से शासन द्वारा अति गंभीर चिकित्सकीय उपकरणों में पांच प्रतिशत की सीमा हटा दी गई है, जिस कारण इन वेंटीलेटरों की मरम्मत व सीएमसी संभव हो सकी। बेल कंपनी सभी वेंटिलेटरों को परिसर में एकत्र किया गया है, ताकि इंजीनियर उनकी मरम्मत कार्य कर सके।

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