![संभल: धर्म छिपाकर कर ली शादी, अब धर्म परिवर्तन के लिए उत्पीड़न](https://www.amritvichar.com/media/c200x160/2024-05/तीसरी-शादी.jpg)
सुलतानपुर में अधिवक्ताओं ने की बैठक, कहा-भ्रामक हैं तीनों नए कानून, व्यापक संशोधन की आवश्यकता
![सुलतानपुर में अधिवक्ताओं ने की बैठक, कहा-भ्रामक हैं तीनों नए कानून, व्यापक संशोधन की आवश्यकता](https://www.amritvichar.com/media/2024-07/26-(10).jpg)
सुलतानपुर, अमृत विचार। केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों कानून कई बिंदुओं पर अस्पष्ट व भ्रामक हैं, इन पर व्यापक विमर्श कर संशोधन की आवश्यकता है। शुक्रवार को जिले के अधिवक्ताओं की बैठक में इस तरह कई तरह की समस्याएं सामने आई। जिले के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इस पर विचार कर संशोधन व सुझाव की आपत्ति तैयार कर बार काउंसिल को प्रेषित की है।
उत्तर प्रदेश विधिज्ञ परिषद ने एक जुलाई से पूरे देश में लागू नए कानूनों पर विरोध जताने के लिए जिला व तहसील अधिवक्ता संघों से आपत्ति व सुझाव मांगे हैं। इसी क्रम में बार स्थित सभागार में पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ताओं की बैठक शुक्रवार को पूर्वान्ह सम्पन्न हुई। जिसमें नए साक्ष्य अधिनियम में धारा (315) पर चर्चा करते हुए अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने कहा कि यह न्यायाधीशों द्वारा तय हो सकता है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं। सुरेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि जो अभिलेख फ़ाइल में है, उन्हें गवाहों को दिखाकर प्रदर्शन नहीं डाला जा सकता है। जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि साक्ष्य को इंग्लिश में एविडेंस ही कहेंगे। रोमन में साक्ष्य लिखकर नामकरण करना हास्यास्पद है।
ये भी पढ़ें -गोंडा: इको टूरिज्म के तौर पर विकसित होगा टिकरी वन और आरगा पक्षी विहार