लखनऊ क्राइम ग्राफ : छमाही अपराध, पश्चिम जोन में तबाड़तोड़ वारदात

छह माह के क्राइम ग्राफ में परिश्चम जोन में सर्वाधिक दर्ज हुए अपराधिक मामले

लखनऊ क्राइम ग्राफ : छमाही अपराध, पश्चिम जोन में तबाड़तोड़ वारदात

शहर के मध्य और पूर्वी जोन में सबसे कम क्राइम ग्राफ

विनय शुक्ला/ फहीम उल्ला खान, लखनऊ। राजधानी को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिसिंग में लगातार बदलाव किए जा रहे है। बावजूद अपराधी शहर के पांच जोन में तबाड़तोड़ वारदात को अंजाम दे रहे हैं। 01 जनवरी से 30 जून 2024 तक पश्चिम जोन में सर्वाधिक अपराधिक मामले दर्ज किए गए है। जबकि मध्य और पूर्वी जोन में दर्ज मामले औसतन हैं। हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के क्राइम ग्राफ में गिरावट हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस के यूपी कोप एप में दर्ज आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।

छमाही क्राइम ग्राफ (जनवरी से जून 30 तक)

जोन                 2023                      2024                तुलना
              
पश्चिम               2669                      2176                493   
दक्षिण              2317                      2027                290
उत्तरी              2440                       2040               400
पूर्वी                2746                       1901                845
मध्य               1090                        890                 200

छह माह में पश्चिम जोन में बढ़ा अपराध

गौरतलब है कि, शहर के पश्चिम जोन के 13 थानों आते हैं। विगत छह माह में परिश्चम जोन कुल 2176 अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसके आंकड़े सर्वाधिक हैं। वहीं दूसरे स्थान पर उत्तरी जोन है। इस जोन में 2040 मामले पुलिस केस डायरी में दर्ज की जा चुके हैं। कुछके मामले में एआर यानी फाइनल रिपोर्ट लगाई है, तो कुछ मामले की चार्जशीट कोर्ट में भी दाखिल की जा चुकी है। जबकि शेष मामलों की विवेचनाएं लम्बित हैं। तीसरे पायदान पर दक्षिण जोन हैं। इस जोन में 2027 अपराधी मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा चौथे स्थान पर पूर्वी जोन है। इस जोन में 1901 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं मध्य जोन का ग्राफ क्राइम 890 जोकि, चारो जोन की तुलना में बेहद कम है।

हत्याओं में बीत गया आधा वर्ष

वर्ष की शुरूआत से ही शहर में अपराधियों ने तबाड़तोड़ बड़ी वारदातों को अंजाम देते हुए पुलिस प्रशासन को चुनौती दी है। इन वारदातों में हत्याओं का ग्राफ पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा है। एक रिपोर्ट की मानें तो, हर माह पांच जोन में दो से तीन हत्याएं हुई हैं। इन हत्याकांड में पुलिस ने हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया। कुछ हत्यारोपियों से पुलिस को मुठभेड़ भी करनी पड़ी। अधिकांश हत्याकांड में पुलिस ने कोर्ट में जार्च शीट भी दाखिल कर दी है। इनमें कुछ वारदात इस प्रकार से हैं।

माह                             थाना                        घटनास्थल                               वारदात
02फरवरी                    मलिहाबाद                 मोहम्मदनगर                           तिहरा हत्याकांड
31 मार्च                       बिजनौर                     सरवननगर                              तिहरा हत्याकांड
31 मार्च                       गाजीपुर                     इंदिरानगर                              प्रेम नारायण हत्याकांड
06 अप्रैल                     मड़ियांव                    फैजुल्लागंज                             अविनाश हत्याकांड
12 मई                        बाजारखाला                भदेवां                                     ग्राफिक डिजाइनर हत्याकांड
29 मई                        गाजीपुर               इंदिरानगर सेक्टर-20                      मोहिनी दुबे हत्याकांड
27 जून                        बंथरा                       दाराबनगर                                आशोक कोरी हत्याकांड


60 फीसदी है साइबर ठगी के मामले

वर्ष 2024 की शुरूआत से ही राजधानी के सभी थानों में साइबर ठगी के मामले सर्वाधिक हैं। औसनत सभी जोन में विगत छह माह में 60 फीसदी मामले डिजिटल अरेस्ट यानी साइबर ठगी हैं। जबकि 40 फीसदी मामले साधारण जालसाजी के पुलिस केस डायरी में दर्ज किए गए हैं। वहीं, महिला अपराध मसलन, छेड़खानी, घरेलू हिसां, यौन शोषण, दुष्कर्म और दहेज उत्पीड़न के 35 फीसदी मामले दर्ज किए है।  संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि शिकायतों के आधार मामले दर्ज किए है। निष्पक्षता से जांच कराए जाने के दौरान तमाम मामले गलत भी पाए गए हैं। कुछ मामलों में अभी जांच चल है। कुछ में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।

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