आत्मघाती कदम : युवक ने कलेक्ट्रेट में की आत्मदाह की कोशिश

शपथ पत्र व लिखित बयान देकर बताई पीड़ा, डीएम ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के दिए निर्देश

आत्मघाती कदम : युवक ने कलेक्ट्रेट में की आत्मदाह की कोशिश

 बलरामपुर अमृत विचार। रास्ते के विवाद से व्यथित रेहराबाजार के सोनपुर गांव निवासी राजू ने बुधवार सुबह कलेक्ट्रेट पहुंचकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। कलेक्ट्रेट में मौजूद कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए उसे बचाया। डीएम अरविंद सिंह ने मामले को गंभीरता से  लेते हुए राजू की व्यथा सुनी। राजू ने शपथ पत्र के साथ अपनी पीड़ा बताई, तो डीएम ने मजिस्ट्रेट जांच व दोषियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर गुंडा एक्ट की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

पीड़ित राजू ने शपथ पत्र पर अपने बयान में कहा है कि उसके खेत के रास्ते पर विपक्षी कन्हई व उसके भाई गुरुचरन ने अवैध कब्जा कर लिया। कन्हई रेहराबाजार थाना में पुलिस चौकीदार व गुरुचरन वहीं हवलदार हैं। खेत का रास्ता बाधित करने के बाद निजी जमीन पर भी जबरन कब्जा कर रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि रेहराबाजार थाना में बार-बार मामले की शिकायत की गई। गुरुचरन यूपी डायल 112 की गाड़ी चलाता है। जब भी राजू यूपी डायल 112 पर काल करता है तो पुलिस कोई कार्रवाई करने के बजाय उल्टा उसी को प्रताड़ित व अपमानित करती है।

उसने कहा कि दो बार एसपी से भी मिलकर शिकायत दर्ज कराई थी। फिर भी कोई कार्रवाई न होने पर व्याकुल एवं क्षुब्ध होकर बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंचा और विपक्षियों के साथ स्वयं को खत्म कर लेने की बात कहते हुए आत्मघाती प्रयास किया। तत्काल ही कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों ने सहानुभूतिपूर्वक रोका। उसे नहलाकर पेट्रोल की जलन शांत कराई। इसके बाद मजिस्ट्रेटों ने उसकी बात सुनी। जिलाधिकारी ने उच्च न्यायालय के एक आदेश के क्रम में सख्त निर्देश दिए कि किसी भी व्यक्ति की निजी भूमि पर पुलिस द्वारा कब्जा नहीं कराया जाएगा।

आदेश का अनुपालन न होने पर संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।  इस संबंध मे एसपी केशव कुमार ने बताया कि भूमि विवाद का निस्तारण करना पुलिस नहीं राजस्व विभाग का कार्य है। थाना दिवसों में भी भूमि विवादों के निस्तारण के लिए राजस्व निरीक्षक व लेखपाल बुलाए जाते हैं। राजस्व टीम के साथ पुलिस जाती है कि कब्जा दिलाने या खाली कराते समय कानून व्यवस्था बनी रहे। पुलिस भूमि या रास्ते के विवाद का निस्तारण नहीं करा सकती है। यूपी डायल 112 पर भी फोन करने पर पुलिस त्वरित सहायता को पहुंचती है कि कोई अप्रिय घटना न होने पाए।

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