प्रेरणा परमार्थ आश्रम के संस्थापक सुधीर भैया जी का निधन

प्रेरणा परमार्थ आश्रम पहुंचा पार्थिव शरीर, देश के विभिन्न स्थानों से पहुंचे हजारों अनुयाई

प्रेरणा परमार्थ आश्रम के संस्थापक सुधीर भैया जी का निधन

नैनी, अमृत विचार : प्रेरणा परमार्थ आश्रम के संस्थापक सुधीर भैया जी का बुधवार रात मुंबई में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी मिलने पर उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से सड़क मार्ग द्वारा चाका नैनी के समीप स्थित मड़ौका उपहार स्थित आश्रम में लाया गया। जहां पर उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। 

बता दें कि 16 जून को गंगा दशहरा के अनुष्ठान के बाद भैया जी की तबीयत एकाएक बिगड़ गई थी। प्रयागराज में इलाज के उपरांत बेहतर इलाज के लिए उन्हें मुबंई ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। भैया जी मूलत: झारखंड के पलामू जिला स्थित रेहला के रहने वाले थे। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद संसारिक मोह माया त्याग कर जन कल्याण के लिए सन्यांस का राह चुना। उन्होंने प्रेरणा परमार्थ आश्रम के माध्यम से सेवा कार्य को आगे बढ़ाया।

दीन दुखियों की सेवा को मिशन बना कर काम करने वाले भैया जी दहेज रहित विवाह की परंपरा विकसित करने के लिए सामूहिक विवाह समारोह को बढ़ावा देकर हजारों गरीब कन्याओं की शादी कराई। वह निरंतर अपने सहयोगियों को सेवा  कार्य के लिए प्रेरित करते थे। पलामू प्रमंडल के  गारू महुआडांड जैसै आदिवासी बाहुल्य इलाकों में भी शिक्षा और  चिकित्सा के माध्यम से लोगों की सेवा की। उनका मानना था कि मानव की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है। परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी के इस संदेश को सूत्र वाक्य बना कर भैया जी ने समाज के उपेक्षित और पीड़ित जनों की सेवा की।

उन्होंने अघोर परंपरा के मजबूती कै लिए काम किया। प्रयागराज के अलावा भैया जी द्वारा अमर कंटक, हाथीनाला आदि  स्थानों पर भी प्रेरणा परमार्थ आश्रम के शाखा की स्थापना की। जहां पर आज भी सेवा कार्य चल रहा है। उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में प्रयागराज के अलावा देश के विभिन्न स्थानों से लोग पहुंचे थे। कुछ तो फफककर रो पड़े। प्रेरणा परमार्थ आश्रम के कार्यालय मंत्री चंद्रभान सिंह ने बताया शनिवार सुबह साढ़े सात बजे से उनका अंतिम संस्कार होगा।

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