रुद्रपुर: प्लांट लगाने के नाम पर उद्यमी से की 80 लाख की धोखाधड़ी

रुद्रपुर: प्लांट लगाने के नाम पर उद्यमी से की 80 लाख की धोखाधड़ी

रुद्रपुर, अमृत विचार। रुद्रपुर में अर्क का प्लांट लगाने के नाम पर शहर के उद्यमी से लाखों रुपये की हेराफेरी कर धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। आरोप था कि तेलंगाना हैदराबाद के रहने वाले दोनों साझेदारों ने दस्तावेजों में हेराफेरी कर ठगी करने की साजिश रची। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार मूल रूप से रुद्रपुर मेट्रोपोलिस कॉलोनी व हाल निवासी वसंत विहार दिल्ली के रहने वाले गौरव लटवाल ने बताया कि उसकी मुलाकात एमएलए कॉलोनी रोड तेलंगाना हैदराबाद के रहने वाले पीएनआर रेड्डी और अशोक रेड्डी से हुई। जिन्होंने रुद्रपुर में अर्क निकालने का प्लांट डालने का प्रस्ताव रखा और कारोबार में साझेदार बनने की बात कही। कारण दोनों ही व्यक्ति आर्थिक रूप से बेहद मजबूत हैं और कारोबार की अच्छी जानकारी भी थी। तो उसने पार्टनरशिप में कारोबार प्रारंभ करने का निर्णय लिया।

कई बैठकों के बाद वह रुद्रपुर किच्छा रोड पर एक्सट्रैक्शन प्लांट लगाने का निर्णय लिया। जिसके चलते दोनों ही व्यक्तियों ने तेलंगाना हैदराबाद स्थित साझेदार खाते में दस लाख रुपये का भुगतान शुरू किया और 1.21 करोड़ धनराशि का प्रोजेक्ट तैयार हुआ। आरोप था कि पीएनआर रेड्डी और अशोक रेड्डी द्वारा दबाव बनाने पर उसने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर उनके खाते में 1.91करोड़ की धनराशि जमा करवाई। इसी दौरान आरोपी साझेदारों ने मुंबई की एक कंपनी से उच्च गुणवत्ता वाला विलायक निष्कर्षण संयंत्र खरीदने का ऑर्डर दिया।

आरोप था कि बार-बार मोटी रकम के भुगतान के बाद जब उसे संदेह हुआ तो उसने आर्डर व प्लांट में साझेदार बनने का पता लगाया तो पता चला कि साझेदारों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर निष्कर्षण संयंत्र को महंगे दामों में दर्शाया, जबकि उसकी वास्तविक जीएसटी सहित कीमत 95 लाख थी। जिस पर उद्यमी ने जबाब मांगा तो साझेदार टालमटोली करने लगे। उद्यमी ने पार्टनरों पर फर्जी दस्तावेज बनाकर प्लांट लगाने के नाम पर 80 लाख से अधिक की धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। जिस पर पुलिस ने आरोपी साझेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।

मुंबई संयंत्र फैक्ट्री में जाकर हुआ खुलासा

शहर के कारोबारी गौरव पर जब साझेदारों ने विलायक निष्कर्षण संयंत्र की खरीद पर कई बार कीमत को बदला तो कारोबारी गौरव को संदेह हुआ। जब वह चेंबूर नाका मुंबई स्थित मेसर्स न्यू टैक इक्विमेंट के स्वामी से मुलाकात की तो पता चला कि संयंत्र की खरीद जीएसटी सहित 95 लाख की है, जबकि पावर थर्म नाम की फर्म ने दो मशीनों का ऑर्डर दिया है। जब इस संबंध में कारोबारी ने साझेदारों से सवाल किया तो जवाब गोलमोल देने लगे। तब जाकर मामले का खुलासा हुआ।

रकम गौरव की, बिजनेश अपने बेटे को

कारोबारी से धोखाधड़ी प्रकरण में तेलंगाना हैदराबाद के रहने वाले पीएनआर रेड्डी और अशोक रेड्डी ने पहले रुद्रपुर के गौरव को अर्क प्लांट के नाम फंसाया और 1.21 करोड़ की साझेदारी गौरव पर डाली। बाद में पता चला कि आरोपियों ने एक पार्टनरशिप उसके साथ की थी, जबकि दूसरी पावर थर्म इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड का स्वामित्व पीएनआर रेड्डी और उनके बेटे अशोक रेड्डी के पास है। आरोप था कि आरोपियों ने उसका सारा पैसा अपने बेटे की फर्म पर लगा दिया और पावर थर्म से खरीद का वर्क ऑर्डर भी बेटे की फर्म को दिया।

दो साल में बढ़ती रहे पार्टनरशिप की धनराशि

तेलंगाना हैदराबाद के रहने वाले आरोपी पीएनआर रेड्डी व अशोक रेड्डी इतने शातिर थे कि पहले उन्होंने अपनी कारोबार की खूबियां गिनाई और 25 फीसदी साझेदार होने का प्रलोभन देकर गौरव लटवाल के हिस्से में 1.21 करोड़ की धनराशि डाली और दो साल के अंदर यह राशि बढ़ते-बढ़ते 1.91 से भी अधिक हो गई। दो साल में कारोबार में कोई रकम नहीं लगाने के बाद ही शिकायतकर्ता को संदेह होने लगा था।

ट्रिपल एलायंस खाते पर रखा नियंत्रण

हैदराबाद के आरोपी साझेदार ने 80 लाख से अधिक की धोखाधड़ी एक सोची समझी साजिश के तहत किया था, क्योंकि प्लांट खोलने का निर्णय होते ही सबसे पहले दोनों ही आरोपियों ने ट्रिपल एलायंस नाम से साझेदारी का खाता हैदराबाद तेलंगाना स्थित बैंक में खोला। जो कि पीएनआर रेड्डी व अशोक रेड्डी के नाम पर दर्ज है और सारा भुगतान अपने खाते में करवाया और उसी खाते का पैसा अपने बेटे की नई फर्म पर लगा दिया। वर्तमान में भी खाते पर नियंत्रण दोनों ही आरोपियों का है।