हल्द्वानी: फसल बीमा राशि के लिए कंपनी और विभाग के चक्कर काट रहे किसान

हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल जनपद में किसानों ने अतिवृष्टि और सूखे की मार से बचने के लिए बीमा कराया था। मौसम की मार से फसल चौपट हो गई, अब किसान बीमा राशि के भुगतान के लिए एक साल से कभी बीमा कंपनी तो कभी कृषि विभाग के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिल रहा है। हर बार कोई न कोई बहानेबाजी बनाकर किसानों को टरका दिया जाता है।
कृषि विभाग किसानों की फसल को मौसमी मार से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित करता है। नैनीताल जनपद में लगभग 1,200 किसानों ने इस योजना में अपनी धान की फसल का बीमा कराया था। फसलों का बीमा हुआ तो किसानों ने बीमा की किश्त भी जमा कर दी।
पिछले वर्ष बारिश होने से उनकी धान की फसल नष्ट हो गई। किसानों की शिकायत पर बीमा कंपनी के अधिकारियों ने खराब फसल का मुआयना भी किया और जल्द बीमा राशि के भुगतान करने का आश्वासन दिया। इस बात को भी एक वर्ष बीत गया, लेकिन किसानों को आश्वासन ही मिल रहे हैं, लेकिन बीमे की रकम अभी तक नहीं मिल सकी है।
बीमे के लिए प्रोत्साहित करने वाला कृषि विभाग, मुआवजे पर चुप्पी
कृषि विभाग के अधिकारी हर वर्ष किसानों को फसल बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वहीं, जब किसानों को पिछले वर्ष की नष्ट फसल के मुआवजे नहीं मिलने का सवाल आता है तो अफसर चुप्पी साध लेते हैं। ऐसे में किसानों को मौसम के बाद विभागीय लापरवाही की दोहरी मार पड़ती है।
केस -1
चोरगलिया के किसान राकेश महतोलिया ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पिछले वर्ष 579 रुपये का प्रीमियम जमा कर धान की फसल का बीमा कराया था, लेकिन ज्यादा बरसात से फसल खराब हो गई थी। कंपनी के अधिकारियों ने फसल का निरीक्षण किया और बीमे की राशि देने की बात कही, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद उन्हें बीमे की राशि नहीं मिल पाई है। बीमा कंपनी ने उन्हें करीब 29 हजार रुपये का भुगतान करना है।
केस -2
चोरगलिया की गंगा देवी ने वर्ष 2023 में 579 रुपये का प्रीमियम देकर धान की फसल का बीमा कराया था। अतिवृष्टि के कारण उनका धान भी खराब हो गया, लेकिन उन्हें भी अब तक बीमा का भुगतान नहीं मिल पाया है। लोगों ने बताया कि कई अन्य किसानों को भी बीमा की राशि अब तक नहीं मिल पाई है।
लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा कृषि विभाग
किसानों का फसल बीमा को लेकर मोहभंग हो रहा है। पिछले वर्ष कृषि विभाग को विकासखंड में 1300 हेक्टेयर भूमि में फसल बीमा करने का लक्ष्य मिला था, लेकिन विभाग महज 300 हेक्टेयर भूमि में ही फसल बीमा करा पाया है। इस बार भी फसल बीमा को लेकर कृषि विभाग जोरशोर से प्रचार-प्रसार कर रहा है, लेकिन बीमे की रकम नहीं मिलने से किसान उदासीन हैं।
तेलंगाना की कंपनी करती है फसल बीमा
जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पिछले वर्ष क्षेमा जनरल इंश्योरेन्स लिमिटेड हैदराबाद तेलंगाना किसानों का बीमा करने के लिए अधिकृत थी। किसानों का आरोप है कि कंपनी की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है। कंपनी के फील्ड स्टाफ खराब फसल की फोटो खींच लेते हैं, लेकिन मौके पर सर्वे के लिए कई दिनों बाद कंपनी से अधिकारी आते हैं। हालांकि, इस बार भी जिले में फसल बीमा के लिए यही कंपनी अधिकृत है।
बीते दिनों फसल बीमा की समीक्षा की गई थी। कुछ किसानों को बीमे का भुगतान नहीं हुआ है। उन्हें इसी माह बीमे की राशि वितरित की जाएगी।
- डॉ. विकेश कुमार यादव, मुख्य कृषि अधिकारी