Kannauj: मंडलायुक्त के चालक ने की तहसील में हो रही वसूली की पुष्टि, इन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई...

Kannauj: मंडलायुक्त के चालक ने की तहसील में हो रही वसूली की पुष्टि, इन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई...

कन्नौज (तिर्वा), अमृत विचार। तहसील के कई कर्मी वसूली में लिप्त हैं। जिले स्तर पर कार्रवाई न होने से इसकी शिकायतें शासन तक पहुंची हैं। शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में कानपुर से आए मंडलायुक्त अमित गुप्त ने शिकायत की जांच के लिए चालक को मौके पर भेजा। यहां पर वसूली होने की पुष्टि हुई। इस पर उन्होंने एसडीएम अशोक कुमार, तहसीलदार अवनीश सिंह व भूलेख कर्मी पर कार्रवाई करने की बात कही। 

मंडलायुक्त ने कई फरियादियों की शिकायतें सुनीं और पूछा कि इससे पहले भी समस्या रखी है? ज्यादातर पीड़ितों ने पूर्व में कई बार फरियाद लगाने और सुनवाई नहीं होने या फर्जी निस्तारण की शिकायत की। यह सुन मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई। 

ठठिया के प्रधान ने नाली निर्माण कराने, सुनीता ने राशनकार्ड के नाम पर पैसा मांगने, बंगरियापुर गांव निवासी अवधेश ने पैमाइश कराने, त्रिमुखा गांव निवासी मंजू ने रिपोर्ट दर्ज कराने, अहेर निवासी देवेंद्र ने कब्जा दिलाने, सूरजपुर निवासी अखिलेश ने कब्जा दिलाने, सरसई निवासी जगजीवन ने चकमार्ग खुलवाने, बरुआहार निवासी शकुंतला ने बिजली तार हटवाने की मांग रखी। 

करीब 90 लोगों ने शिकायती पत्र देकर समस्या निस्तारण की मांग की। मंडलायुक्त ने बताया कि शिकायत निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है। साथ ही वसूली होने की भी पुष्टि हुई है। इस पर एसडीएम, तहसीलदार व दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। आरोपी लेखपाल का निलंबन व गैर जनपद तबादला किया जाएगा। 

जब चालक से मांगे गए 200 रुपये

रिहुआ गांव निवासी बृजेश ने मंडलायुक्त से कहा कि ग्राम समाज की खतौनी लेने भूलेख दफ्तर पहुंचा। वहां काम कर रहे एक कर्मी ने 15 रुपये की बजाय 200 रुपये मांगे। शिकायत की हकीकत जानने के लिए मंडलायुक्त ने अपने चालक को भेजा। अपने साहब के पास लौटे चालक ने 200 रुपये लेने की पुष्टि कर दी। इसके बाद मंडलायुक्त ने भी वहां तैनात लेखपाल अंकुर को फटकार लगाई और कार्रवाई की चेतावनी दी।

प्राइवेट कर्मी ने मांगे रुपये, सरकारी को मिली सजा

भूलेख कार्यालय में तहसील प्रशासन ने प्राइवेट कर्मचारी अनुज को खतौनी निकालने के लिए रखा है। खतौनी का निर्धारित शुल्क 15 रुपये है लेकिन इससे अधिक वसूला जाता है। किसान से प्राइवेट कर्मचारी ने तो 200 रुपये मांग दिए थे। मामले की नजाकत भांपते हुए वह मौके से फरार हो गया। 

शिकायत के बाद लेखपाल अंकुर मिल गया जिसे देखकर मंडलायुक्त ने कार्रवाई की चेतावनी दी। दूसरी ओर कुछ किसानों ने पांच रुपये वापस करने की सफाई जब मंडलायुक्त को दी तो उन्होंने वापस किए हुए पांच रुपये दिखाने को कहा, इस पर किसान वह रुपये नहीं दिखा सके। इससे निर्धारित शुल्क से अधिक रुपये लेने की पुष्टि हो गई।

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