बाराबंकीः सामुदायिक शौचालय के नाम पर लाखों की ठगी, प्रधान और सचिव पर मिली भगत का आरोप

बाराबंकीः सामुदायिक शौचालय के नाम पर लाखों की ठगी, प्रधान और सचिव पर मिली भगत का आरोप

सामुदायिक शौचालय के नाम पर 20 लाख रुपये निकालकर भ्रष्टाचार किया गया था। शिकायत के बाद डीपीआरओ ने जांच की थी, लेकिन मामला एक बार फिर गर्मा गया है जिलाधिकारी ने इस मामले में फिर जांच के आदेश दे दिए हैं। इसे लेकर हड़कंप मच गया है।

बाराबंकी, अमृत विचारः समुदायक शौचालय के नाम पर लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। विकास खंड बनीकोडर के ग्राम पंचायत अहमदपुर में ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ था। निर्माण के लिए 4 लाख 99 हजार रुपये की स्वीकृत हुई थी, लेकिन ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर करीब 19 लाख 76 हजार रुपये से अधिक खर्च दिखाकर पैसा निकाल लिया था। बारह से शौचालय एक दम अच्छा दिख रहा है, लेकिन अंदर बंजर पड़ा हुआ है। शिकायत के बाद डीपीआरओ नितेश भोंडेले ने जांच की थी।

कागज भी नहीं पूरे 

8 अप्रैल 2024 को ब्लाॅक समन्वयक से अहमदपुर सामुदायिक शौचालय की पड़ताल करवाई, तो मौके पर संचालन बंद पाया गया। इसके साथ ही उसकी हालत भी जर्जर थी। आसपास गंगदी फैली हुई थी। जांच की फोटो और डिटेल मिलते ही डीपीआरओ ने सचिव और प्रधान को नोटिस भेजी। जांच में पता चला कि सामुदायिक शौचालय के नाम पर 20 लाख रुपये धीरे-धीरे निकाले गए थे। यहां तक की अभिलेख भी गायब कर दिए गए हैं। सख्ती दिखाई गई तो सहायक विकास अधिकारी बनीकोडर ने आधा अधूरी पत्रावलियां भेजी। जांच के दौरान जर्जर शौचालय को लकदक बना दिया गया है। चुनाव के चलते इस पर जांच टीम नहीं गठित हुई थी। चुनाव के बाद जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) को जांच सौंप दी है। यह जांच दोबारा हो रही है, ताकि इस प्रकरण में आरोपितों को बचाया न जा सके। अब एक बार फिर भ्रष्टज्ञचारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी नितेश भोंडेले ने बताया कि सामुदायिक शौचालय संबंधी दस्तावेज, बिल बाउचर सहित तमाम कागजात गायब हैं। इसमें सभी कागज एडीओ पंचायत द्वारा नहीं दिए गए हैं। इस मामले की जांच की गई थी। वर्तमान सचिव मनोज दीक्षित ने बताया था कि उनके पास अभिलेख नहीं हैं, उन्हें अभी चार्ज नहीं दिया है। पूर्व सचिव प्रमोद वर्मा ने बताया कि उनके समय का भुगतान नहीं हैं। सचिव शैलेश कुमार यादव ने भुगतान किया था। इस पूरे प्रकरण में अब जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को जांच सौंप दी है।

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