देहरादून: Registration link: 25 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट 01 जून से शुरू होगा फूलों की घाटी का ट्रैक

देहरादून, अमृत विचार। 25 मई से हेमकुंड साहिब के कपाट खुल जाएंगे। राज्य सरकार, जिला प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधन ने जमीनी हालात को देखते हुए प्रतिदिन श्रद्धालुओं के पहुंचने की सीमा तय की है। कपाट खुलने के बाद प्रतिदिन 3500 श्रद्धालु ही हेमकुंड साहिब जा सकेंगे। गुरुद्वारा प्रबंधन का कहना है कि हेमकुंड साहिब में अभी भी काफी बर्फ है। बर्फ पिघलने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या पर फिर से विचार किया जाएगा।
22 मई को पंज पयारों की अगुवाई में राज्यपाल एवं संत समाज द्वारा ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब यात्रा का आगाज किया जाएगा। दो दिन पहले जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरुद्वारा प्रबंधन के साथ गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब का पैदल निरीक्षण किया था। जिसके बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या तय की है।
वहीं उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी ट्रैक इस बार 01 जून से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। फूलों की घाटी ट्रैक अपने विभिन्न तरह के फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है।
फूलों की घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के विहंगम नजारे भी देखने को मिलते हैं। फूलों की घाटी 30 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी। उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने बताया कि फूलों की घाटी के लिए पर्यटकों का पहला दल 01 जून को घांघरिया बेस कैंप से रवाना किया जाएगा।
पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रैक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना होगा। बेस कैंप घांघरिया में पर्यटकों के ठहरने की समुचित व्यवस्था है। फूलों की घाटी ट्रैकिंग के लिए भारतीय नागरिकों को 200 रुपए तथा विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपए ईको ट्रैक शुल्क निर्धारित किया गया है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी रहेगी
इस लिंक पर जाकर कराएं रजिस्ट्रेशन
सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह लिंक https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/signin.php पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें। रजिस्ट्रेशन की सीमा निर्धारित है। यह व्यवस्था यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है।