अल्मोड़ा: शनिवार की सुबह बारिश ने फिर दिखाया अपना रौद्र रूप 

अल्मोड़ा: शनिवार की सुबह बारिश ने फिर दिखाया अपना रौद्र रूप 

अल्मोड़ा, अमृत विचार। बीते गुरुवार को जिले के सोमेश्वर में बादल फटने और चौखुटिया में अतिवृष्टि के बाद शनिवार की सुबह जिले में बारिश के फिर अपना रौद्र रूप दिखाया। तेज आकाशीय गर्जन और बिजली चमकने के साथ ही जिले भर में मूसलाधार बारिश हुई। जिससे लोग सहम गए।

बारिश के कारण लमगड़ा विकास खंड में एक ग्रामीण का आवासीय भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गया। जबकि उफान पर आए नालों के कारण अल्मोड़ा जिला मुख्यालय में बरसात का पानी और मलबा लोगों के घरों में घुस गया। 

शनिवार की सुबह तीन से चार बजे के आसपास जिले भर में तेज अंधड, आकाशीय गर्जन और बिजली चमकने के साथ ही तेज बारिश शुरू हो गई थी। बारिश इतनी तेज थी कि लोगों की नींद टूट गई और वह किसी अनहोनी के डर से सहम गए। एक डेढ़ घंटे तक लगातार मूसलाधार बारिश होती रही। जिससे जगह जगह नदी नाले उफान पर आ गए।

लमगड़ा विकास खंड के खेरदा गांव निवासी विक्रम सिंह बोरा पुत्र दीवान बोरा का मकान तेज बारिश के दौरान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। छत से पत्थर गिरते ही घर के सदस्य बाहर निकल आए और अपनी जान बचाई। थोड़ी ही देर में विक्रम सिंह का घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मकान के मलबे में घर में रखा सारा सामान जमीदोंज हो गया।

आसपास के लोग मदद के लिए आए लेकिन तेज बारिश में कुछ भी संभव नहीं हो पाया। पीड़ित परिवार ने अब गांव के अन्य ग्रामीणों के घरों में शरण ली है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रभावित परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। ऊपर से अतिवृष्टि के कारण उनका आशियाना भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हाे गया है।

इधर मूसलाधार बारिश का असर अल्मोड़ा जिला मुख्यालय पर भी देखने को मिला। बरसाती पानी की निकासी का ठोस प्रबंध न होने के कारण यहां नगर के अनेक मोहल्लों में बरसाती पानी के साथ आया मलबा लोगों के घर में घुस गया। सबसे अधिक नुकसान खत्याड़ी क्षेत्र में हुआ। मूसलाधार बारिश के कारण जहां यहां स्थित नाले उफना गए। वहीं पानी की निकासी न होने कारण वह मलबे साथ लोगों के घरों में घुस गया।

पानी और मलबे के दबाव से कई घरों के खिड़की दरवाजे भी टूट गए। रैलापाली वार्ड के न्यू इंदिरा कॉलोनी में भी बारिश ने जमकर कहर ढाया। स्थानीय निवासी नरेंद्र ने बताया कि तेज बारिश के कारण ठुलकुड़ा गधेरा उफान पर आ गया। वह अपने साथ कैंट, होली डे होम, सर्किट हाउस, स्टेडियम और जवाहर कॉलोनी की सारी गंदगी और बरसाती पानी लेकर इस वार्ड की ओर आया और लोगों के घरों में घुस गया।

कई घरों में रखा सामान पूरी तरह बर्बाद हो गया जबकि कुछ घरों के आंगन भी बरसाती पानी की चपेट में आकर बह गए। नरेंद्र ने बताया कि इस गधेरे को ठीक करने की मांग कई बार की जा चुकी है। लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बताया कि यही हाल रहा तो मानसून काल में यह गधेरा बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है।

नगर के रानीधारा, सरकार की आली, पांडेखोला, खोल्टा, बेस समेत अनेक मोहल्लों में मूसलाधार बारिश ने इसी तरह कहर ढाया। शनिवार को दिन भर लोग अपने अपने घरों से मलबा हटाने के काम में जुटे रहे। नगर के लोगों ने प्रशासन से नगर के संवेदनशील इलाकों में बरसाती पानी की निकासी के लिए ठोस व्यवस्था करने की मांग उठाई है। 

पेयजल लाइनों को भी नुकसान 
शनिवार की सुबह जिले में हुई बारिश के कारण अनेक स्थानों पर पेयजल लाइनों को भी नुकसान पहुंचा है। जिला मुख्यालय के खत्याड़ी, न्यू इंदिरा कालोनी और खोल्टा आदि क्षेत्रों के अलावा रानीधारा इलाके में कई स्थानों पर पानी की लाइनें टूट गई हैं। जबकि लमगड़ा और सल्ट विकास खंड में भी अनेक स्थानों पर भूस्खलन के कारण पानी की लाइनों को नुकसान होने की खबर मिली है। 

जिला मुख्यालय पर खुली प्रशासन की पोल 
शनिवार की सुबह हुई मूसलाधार बारिश ने जिला मुख्यालय पर प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर ारख दी है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कहना था कि नगर के नालों को ठीक करने और बरसाती पानी की निकासी के लिए ठोस व्यवस्था करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। निर्माण के नाम पर प्रशासन हर साल लाखों करोड़ों रुपये खर्च भी करता है। लेकिन नगर के लोगों को इस समस्या से आज तक निजात नहीं मिल पाई। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर यही हाल रहा तो मानसून काल में प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा स्थानीय लोगों काे भुगतना पड़ सकता है। 

कहां कितनी बारिश 
अल्मोड़ा - 44.0 एमएम
रानीखेत - 12.0 एमएम
द्वाराहाट - 7.5 एमएम 
चौखुटिया - 10.0 एमएम 
सोमेश्वर - 4.5 एमएम 
भिकियासैंण - 16.0 एमएम
जागेश्वर - 0.5 एमएम 
सल्ट- 37.5 एमएम
जैंती - 7.5 एमएम 
शीतलाखेत - 11.0 एमएम 
मासी - 8.5 एमएम

जलस्तर 
कोसी - 1126.62 मीटर 
रामगंगा - 921.550 एमए