सिम और डाटा समय से नहीं दिया तो बीएसए पर होगा एक्शन, इस परीस्थिति में शिक्षकों को मिलेगी आनलाइन से छूट
अमृत विचार लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में दिए गये सवा दो लाख टैबलेट अब डिब्बे से बाहर आ जायेंगे। शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल सिम और डाटा की व्यवस्था करने का भी आदेश जारी कर दिया है। जिन जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से लापरवाही होगी वहां के बीएसए पर कार्रवाई भी की जायेगी। शिक्षा महानिदेशक की ओर से शिक्षकों को टैबलेट व डाटा दिए जाने के लिए सोमवार को ये आदेश जारी किया है। आदेश मुताबिक दो टैबलेट के लिए 4800 रुपये के व्यव की अनुमति दी गई है।
इस तरह से दी टैबलेट के लिए दी गई राशि
परिषदीय विद्यालय के शिक्षकों के उपयोगार्थ उपलब्ध कराए गये टैबलेट्स के संचालनार्थ सिम कार्ड एवं इंटरनेट की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए कंपोजिट स्कूल ग्रांट से व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश पूर्व में ही दिए गये हैं। जिसमें प्रति विद्यालय प्रति टेबलेट 200 रुपये की दर से (400/प्रति विद्यालय) 2 माह के लिए धनराशि अवमुक्त कर दी गई है । शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए सिम कार्ड एवं इंटरनेट की सुविधा हेतु कंपोजिट स्कूल ग्रांट से एक टैबलेट के लिए अधिकतम रुपए 2400 रुपये तथा दो टैबलेट हेतु अधिकतम रुपए 4800 खर्च करने की अनुमति प्रदान की गई है, जिसका समायोजन विद्यालय को प्राप्त होने वाली कंपोजिट स्कूल ग्रांट से यथा समय किया जाना है ।
शिक्षक खुद बतायें कि कौन सा नेटवर्क बेहतर
सिम की खरीदारी के दौरान शिक्षकों को ही बताना है कि उनके विद्यालय में किस कंपनी का नेटवर्क ठीक से आत है। तभी सिम स्थानीय स्तर पर मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की उपलब्धता के दृष्टिगत किया जाएगा। यदि किसी भी जनपद में विलंब होता है तो इसके लिए जिम्मेदार बीएसए होंगे। जायेगा।
इस परीस्थिति में मिलेगी शिक्षकों को छूट
बता दें कि बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के अलग-अलग शिक्षक संगठन हैं। ऐसे जो संगठन प्रदेश सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त हैं उन संगठनों के पदाधिकारियों को अधिकारिक तौर पर वार्ता करने के लिए कंडीशन के छूट प्रदान की जायेगी। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक अनुभाग-4 से जारी आदेश के मुताबिक राज्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों को छूट दी गई है। लेकिन उसके लिए जब भी इनकी शासन या जिले स्तर पर किसी अधिकारी से वार्ता का समय मिलेगा उसके लिए पहले से ही खंड शिक्षा अधिकारियों को सूचित करना होगा। उस आधार शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को छूट दी जा सकती हैं।