रुद्रपुर: फिर गरमाया प्रबंधक कमेटी का मुद्दा,16 निदेशक लामबंद

रुद्रपुर: फिर गरमाया प्रबंधक कमेटी का मुद्दा,16 निदेशक लामबंद

रुद्रपुर, अमृत विचार। नानकमत्ता डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्याकांड के दो माह बाद अचानक नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मुद्दा गरमा गया है। जिसको लेकर कमेटी के 16 डायरेक्टरों ने नाराजगी जताते हुए नये प्रधान की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए पत्रकार वार्ता की। उन्होंने चेताया कि यदि जिला प्रशासन ने नियुक्ति को निरस्त नहीं किया, तो मोर्चा खोला जाएगा।

रविवार को पत्रकार वार्ता करते हुए नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के 16 डायरेक्टरों का पक्ष रखते हुए प्रीतपाल सिंह ने बताया कि बाबा तरसेम की हत्याकांड के बाद कमेटी के प्रधान हरबंस सिंह चुघ ने आहत होकर अपना इस्तीफा दे दिया था। उसके कुछ दिन बाद कमेटी की उपाध्यक्षा कमलेश कौर ने सभी कमेटी के निदेशकों को पत्र लिखकर अपना अपना शपथ पत्र देने की अरदास की थी और दो मई को गदरपुर गुरुद्वारे में बैठक और निवेशकों की सहमति के बाद प्रधान द्वारा इस्तीफा वापस ले लिया गया था।

आरोप लगाया कि प्रकरण को विवादित बनाते हुए कमेटी के जनरल सेक्रेट्री द्वारा साजिश के तहत अचानक पांच मई को बैठक बुलाई और जानकारी होने पर 27 डायरेक्टर में से 16 डायरेक्टर द्वारा अपना शपथ लेकर नानकमत्ता गुरुद्वारे बैठक में गए,तो पता चला कि बिना रायशुमारी के कमेटी प्रधान हरबंस सिंह का इस्तीफा मंजूर कर नये प्रधान की नियुक्ति कर दी गई है, जबकि नियुक्ति संविधान के विरुद्ध है।

हकीकत यह है कि किसी भी प्रधान को हटाने के लिए उपाध्यक्ष की मौजूदगी में कमेटी के सदस्यों की एक बैठक होती है और अविश्वास प्रस्ताव के जरिए निर्धारित की संख्या का आकलन होता है। जबकि वर्तमान में 27 डायरेक्टर में से 16 निदेशक प्रधान हरबंस का इस्तीफा नामंजूर कर प्रधान मान चुके हैं।

ऐसे में कमेटी में शामिल कुछ लोग विवाद को बढ़ाकर गुरु घर की मर्यादा को भंग कर रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोप था कि दूसरे पक्ष के लोगों ने दबंगई व कूटरचित तरीके से प्रधान की नियुक्ति की है,जो संवैधानिक व नियम के खिलाफ है।

उन्होंने जिला प्रशासन से मा म ले में हस्तक्षेप कर नये प्रधान को हटाकर पुन:कार्यकारिणी के प्रधान को जिम्मेदारी देने की मांग की। इस मौके पर प्रधान हरबंस सिंह चुघ, हरजिंदर सिंह, कुलदीप सिंह, गुरमीत सिंह, सुखदेव सिंह, निर्मल सिंह हंसपाल, उपाध्यक्ष कमलेश कौर, पलविंदर सिंह, गुरसेवक सिंह, गुरमत सिंह, भूपेंद्र सिंह, जसवीर सिंह, चरणजीत सिंह सहित 16 निदेशक मौजूद रहे।  

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