छत्तीसगढ़: कलम और बंदूक से युवतियाँ बढ़ रही हैं विकास की ओर, आंखों में सपना है पुलिस सेवा करना

छत्तीसगढ़: कलम और बंदूक से युवतियाँ बढ़ रही हैं विकास की ओर, आंखों में सपना है पुलिस सेवा करना

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नारायणपुर : छत्तीसगढ़ में आदिवासी युवती अपने गांव एवं जिले को बेहतर बनाने के लिए बस्तर फाइटर में शामिल होकर बस्तर का मान बढ़ा रही है। और वहीं यह युवतियां एक ओर बंदूक चला रही हैं दूसरी ओर कलम चला रही हैं। उनकों अपनी पढ़ाई की भी गंभीर चिंता है। ऐसा ही मामला हाल ही में देखने को मिला है, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सरहदी इलाकों में तीन दिनों तक ऑपरेशन प्रहार के तहत 10 हार्डकोर नक्सलियों को ढेर करने वाली बस्तर फाइटर की दो महिला फाइटर स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षा दे रहीं हैं। वे इस ऑपरेशन के बाद हेलीकॉप्टर की मदद से घटनास्थल से जिला मुख्यालय परीक्षा देने के लिए पहुंची है।

नक्सलियों के लाल आतंक को खत्म करने वाली बस्तर की इन बेटियों के किस्से सुनकर नारी शक्ति को हर कोई नमन करेगा। स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षा दे रही। बस्तर फाइटर की दोनों लड़ाकू योगेश्वरी बघेल और निकिता प्रधान शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार मानती है। वह कहती है तो समाज शिक्षित होगा तो नक्सलवाद धीरे-धीरे जड़ से समाप्त हो जाएगा। मुख्यधारा से भटके हुए नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर सरकार की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर विश्वास जताने का आह्वान करने वाली दोनों लड़ाकू कहती है कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है। वह उस पार्ट का हिस्सा है इससे वह काफी गर्व महसूस कर रही है।

वह कहती है कि नक्सलियों की घेराबंदी करने के लिए जंगल जाती है तो वही वापस आने पर अपनी पढ़ाई को लेकर भी एक्टिव रहती है। ड्यूटी के दौरान जहां सिर्फ एक ही बात होती है कि कहीं नक्सलियों का सामना हो जाए तो बस्तर फाइटर बनने का उद्देश्य पूरा हो जाता है। बस्तर की आन,बान और शान की लड़ाई लड़ने वाली यह बेटियां पिछले एक साल से बस्तर फाइटर में काम कर रही है। बीए फाइनल की परीक्षा की तैयारी कर रही निकिता प्रधान कहती है कि पढ़ लिखकर वह अपने ही पुलिस विभाग पर अफ़सर बनकर देश की सेवा करेगी। 

नक्सल मोर्चे पर थकान होने के सवाल पर मुस्कुराते हुए कहती है कि जीवन में सब कुछ आसानी से मिल जाता तो फिर क्या बात होती। वह कहती है कि संघर्ष से ही सफल जीवन प्राप्त किया जा सकता है। नारायणपुर से 35 किलोमीटर दूर धोडाई गांव की रहने वाली बस्तर फाइटर की यह लड़ाकू अपने रिश्तेदार के घर में रहकर नक्सलियों से मुकाबला भी कर रही है और कॉलेज की शिक्षा भी प्राप्त कर रही है। इनके पिता खेती किसानी करते है। 

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