अयोध्या: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी करेगा नालों के शोधित जल की जांच, नगर आयुक्त ने नालों के अंतिम छोर के स्थलों का किया निरीक्षण

अयोध्या: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी करेगा नालों के शोधित जल की जांच, नगर आयुक्त ने नालों के अंतिम छोर के स्थलों का किया निरीक्षण

अयोध्या। नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने नगर निगम सीमा के अंतर्गत गिरने वाले नालों के अंतिम छोर के स्थलों का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान बायोरेमेडिएशन की कार्रवाई को देखा गया। प्रक्रिया संतोषजनक पाई गई। नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि कार्यदायी संस्था को गहरे रूटेड प्लांट को लगाने, जल धारण क्षमता में वृद्धि किए जाने व नालों के शोधित जल की जांच संस्था के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी कराने के निर्देश दिये गए हैं, जिससे दूषित जल का शोधन सुचारू रूप से हो सके।

इसके साथ-साथ उप्र जल निगम को निर्देशित किया गया कि नमामि गंगे योजना के अंतर्गत 15 नालों की टैपिंग व 33 एमएलडी एसटीपी का निर्माण पूर्ण होने तक बायोरेमेडिएशन तकनीक से शोधन का कार्य नियमित रूप से कराया जाए। नमामि गंगे योजना के अंतर्गत अयोध्या कैंट क्षेत्र के शेष 15 नालों की टैपिंग व 33 एमएलडी एसटीपी का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर प्रगति पर है, जो माह मई में पूर्ण हो जाएगा, जिसके पश्चात नगर निगम अयोध्या के शेष 15 नाले भी पूर्णतया टैप हो जाएंगे। इस दौरान प्रदूषण िनयंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, परियोजना प्रबंधक नागर कार्य इकाई, अपर नगर आयुक्त वागीश कुमार शुक्ला व अन्य मौजूद रहे।

सरयू में नहीं जमथरा में एकत्रित होता है दूषित जल 

वर्तमान में नगर निगम अयोध्या में कुल छोटे-बड़े 20 नाले हैं, जिसमें अयोध्या धाम क्षेत्र में पांच नाले टैप हैं, जिनका श्राव राजघाट स्थित सीवेज पंपिंग स्टेेशन के माध्यम से रामघाट स्थित 12 एमएलडी एसटीपी पर जाता है। इसके अतिरिक्त अयोध्या कैंट क्षेत्र में 15 नालों का दूषित जल सीधे सरयू नदी में न जाकर माझा जमथरा क्षेत्र में एकत्रित होता है। एक स्थल पर बंधे को पारकर नदी में जाता है। इन 15 अनटैप्ड नालों के दूषित जल का शोधन बायोरेमेडिएशन तकनीक से शोधन किया जा रहा है। शोधित जल का परीक्षण प्रतिमाह में संस्था आईआईटीआर से कराया जाता है।

यह भी पढ़ें:-Video: सास को दिल दे बैठी बहू, शारीरक संबंध बनाने को करती है मजबूर, पीड़िता ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार