जन्मोत्सव की प्रतीक्षा में रामनाम से गुंजायमान अयोध्या.., देवगीत और राम भजन से आस्था में डूबी रामनगरी

जन्मोत्सव की प्रतीक्षा में रामनाम से गुंजायमान अयोध्या.., देवगीत और राम भजन से आस्था में डूबी रामनगरी

अयोध्या, अमृत विचार। संस्कृति विभाग उ.प्र.द्वारा तुलसी मंच पर आयोजित रामोत्सव में अवधी, भोजपुरी लोक भजनों और संस्कार गीतों की धूम रही। पीलीभीत से आए सतीश मिश्र और उनके दल ने जय जय गणपति देवा से गणेश वंदना की। इसके बाद मेरी झोपड़ी के भाग अब जाग जाएंगे, राम आएंगे... गाकर उन्होंने अयोध्या के उत्साह को व्यक्त किया। 

भूले ना तेरी सूरत सांवरी राम भजन के बाद कलाकार ने प्रभु के प्रति अपनी भक्ति समर्पित करते हुए भजन गाया। हनुमंत लाल की आराधना करते हुए हे दुख भंजन मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार भजन गाया। हारमोनियम पर दिनेश शर्मा, ढोलक पर सतीश शर्मा, झांझ पर अवनीश और सह गायन में मुनीश और सनमीत  सिंह ने साथ दिया।

 प्रतापगढ़ से आई लोक गायिका लक्ष्मी देवी ने अपने साथी कलाकारों के साथ सबसे पहले प्रभु राम के आगमन में अवध में आए राजाराम भजन गाकर सभी को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। जन्मे हैं ललनवा दशरथ के आंगनवा, सोहर के बोल पर महिलाएं नृत्य करने लगी। 

रामनगरी में नवरात्र के उल्लास को पचरा गाकर इन कलाकारों व्यक्त किया कहां से आवेली मईया। तबले पर विकास कुमार, सिंथेसाइजर पर ऋषभ कुमार आर्य, ऑक्टोपैड पर प्रीतम राज और सह गायन में पूजा और एकता ने साथ दिया। प्रतापगढ़ से आए राजवेणु और उनके साथियों ने गणपति वंदना से आरंभ किया। 

सहगायक रूप के रूप में प्रभाकर पांडेय, कीबोर्ड पर सूरज, बैंजो पर गुड्डू, तबले पर अनिकेत, ढोलक पर आदर्श और पैड पर रिंकू ने संगत की। संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्रा ने किया।

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