बरेली: रमजान के आखिरी जुमा पर किया माह-ए-मुबारक को अलविदा
बरेली, अमृत विचार। रमजान के आखिरी जुमा यानी जुमा-तुल-विदा पर शहर भर की मस्जिदों में सिर सजदे में नजर आए। पूरे साल नेक अमल करने की दुआ के साथ माह-ए-मुबारक रमजान के अलविदा की नमाज अदा की गई। सभी मस्जिदों में खुतबा से पहले इमामों की तकरीर हुईं।
मुख्य नमाज किला की जामा मस्जिद में हुई। यहां हजारों नमाजियों ने नमाज अदा की। तकरीर में शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने रमजान की फजीलत और जकात और फित्रा अदा करने के बारे में बताया। आखिर में मुल्क और मिल्लत की खुशहाली के लिए दुआ की गई। जामा मस्जिद कमेटी के फरहान रजा खान ने बताया कि हाजी अजमेरी, असरार अहमद, अखलार अहमद, सैयद जाहिद अली, नईम खान, शुएब, हाजी नाजिश, नोमान रजा खान, इमरान खान आदि ने व्यवस्था संभाली। दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि शहर में सबसे आखिर में दरगाह आला हजरत पर साढ़े तीन बजे जुमा की नमाज अदा की गई। यहां दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां समेत आला हजरत परिवार के सभी लोगों ने नमाज अदा की।
दरगाह ताजुशशरिया पर काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां ने नमाज अदा कराई। जमात के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने भी यहां नमाज अदा की। खानकाह-ए-नियाजिया में सज्जादानशीन मेहंदी मियां ने नमाज अदा कराई। दरगाह शाहदाना वली,दरगाह शाह शराफत अली मियां, दरगाह वली मियां, दरगाह बशीर मियां, दरगाह तहसीनिया, खानकाह-ए-वामिकिया, मस्जिद नोमहला, नूरानी मस्जिद में जुमा-तुल-विदा की नमाज अदा की गई।
फित्रा अदा करने के लिए रोजा रखना शर्त नहीं
रमजान का महीना खत्म होने को है, लिहाजा ज्यादातर लोग जकात और फित्रा निकाल रहे हैं। जिन लोगों ने अभी तक जकात और फित्रा अदा नहीं किया है ,उनके लिए पीराशाह मस्जिद के इमाम मौलाना तौहीद रजा ने अपने खिताब में कहा कि जो शख्स रोजा न रखे, उस पर भी सदका-ए-फित्र यानी फित्रा वाजिब (जरूरी) है। इसके लिए रोजा रखना शर्त नहीं, अगर ईद का दिन गुजर गया और सदका-ए-फितर अदा न किया, तब भी सदका-ए-फित्र माफ नहीं होगा। बल्कि जब भी अदा करें तो अदा हो जाएगा।
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