Kanpur: प्रसव के समय कैसा रहेगा बीपी? डिलीवरी के दो महीने पहले ही चलेगा पता; देश में पहली बार डॉक्टरों ने किया शोध

Kanpur: प्रसव के समय कैसा रहेगा बीपी? डिलीवरी के दो महीने पहले ही चलेगा पता; देश में पहली बार डॉक्टरों ने किया शोध

कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में गर्भवती के प्रसव की तिथि से दो महीने पहले ही यह पता लग जाएगा कि आगे उनका ब्लड प्रेशर बढ़ेगा या नहीं। डॉक्टरों का दावा है कि अभी तक स्पेट्रोस्कोपी की मदद से यह शोध देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज ने नहीं किया गया है। यह पहला शोध है। इसे पेटेंट के लिए भेजा जाएगा।

गर्भावस्था के समय हाई ब्लड प्रेशर की वजह से मां व बच्चे दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी हाई ब्लड प्रेशर होने से मां व बच्चे की मौत तक भी हो जाती है। प्रसव के समय या गर्भावस्था के दौरान बीपी नार्मल रहे, इसलिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.नीना गुप्ता के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने एक शोध किया है। 

डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि शोध में कोंगोरेड विधि और यूवी स्पेट्रोस्कोपी की मदद से गर्भवती में मिसफोल्डेड प्रोटीन का पता लगाने के लिए उनकी यूरिन की जांच की गई। बीते दो वर्ष (2020-2022) में 196 गर्भवती महिलाओं पर शोध में यह पाया गया है कि मिसफोल्डेड प्रोटीन की मात्रा उनमें काफी अधिक पाई गई, जिन गर्भवती महिलाओं का बीपी बढ़ा हुआ था। 

इस संबंध में वर्ष 2023 के शोध में मिसफोल्डेड प्रोटीन का उपयोग बीपी के पूर्वानुमान में किया गया है। 106 गर्भवती महिलाओं पर हुए अध्ययन में नतीजे बेहतर आए हैं। इस विधि से डॉक्टर मिसफोल्डेड प्रोटीन की मात्रा से गर्भवती में ब्लड प्रेशर प्रसव के समय या उससे पहले बढ़ेगा या नहीं, इसका पता कर सकते हैं। उसके बाद दवा, इंजेक्शन आदि के माध्यम से उसे कंट्रोल किया जा सकता है। यह देश में पहला शोध है, जिसको पेटेंट के लिए भेजा जाएगा।

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