महासंग्राम 2024: जब मात्र 249 वोट से जीत दर्ज कर श्रीपति मिश्र बन गए थे सांसद

करीबी मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी डा. कैलाश नाथ सिंह ने इस हार के बाद ले लिया राजनीति से सन्यास

महासंग्राम 2024: जब मात्र 249 वोट से जीत दर्ज कर श्रीपति मिश्र बन गए थे सांसद

मनोज कुमार मिश्र/ सुलतानपुर, अमृत विचार। सुलतानपुर लोकसभा सीट हमेशा चौकाने वाले परिणाम दिए हैं। यहां के वोटर कई मौकों पर कद्दावर, मजबूत व बड़े नाम वाले धुरंधरों को पटखनी दी तो ऐसे भी नेताओं को जीताकर सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचाया, जो यहां के लिए अंजान ही थे। यहां 1969 में उपचुनाव में सबसे नजदीकी मुकाबले में मात्र 249 वोट से जीत दर्ज कर श्रीपति मिश्र सांसद बन गए थे।

चौथी लोकसभा ने बेशक अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया, लेकिन सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र के वोटरों को उस बीच अपने तीन सांसदों को चुनने का मौका मिला। चौथी लोकसभा का चुनाव 1967 में हुआ। कांग्रेस ने बाबू गनपत सहाय को अवसर दिया। उन्हें 1,25,473 वोट हासिल हुए थे। निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार डॉ जितेंद्र कुमार अग्रवाल थे, जिन्हें 79,443 वोट प्राप्त हुए थे। दुर्भाग्य से 8 मार्च 1969 को बाबू गनपत सहाय की मृत्यु हो गई।

सुलतानपुर लोकसभा की रिक्त सीट के लिए 1969 में  उपचुनाव हुआ। कांग्रेस ने तब तक यहां के राजनीतिक क्षेत्रों के लिए अंजान एक प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ कैलाश नाथ सिंह ग्राम त्रिसुंडी (अब अमेठी जनपद) को उम्मीदवार बनाया। उनके मुकाबले चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल की ओर से पंडित श्रीपति मिश्र मैदान में थे। स्व .मिश्र 1967 में चौधरी साहब के साथ कांग्रेस से अलग हुए थे।

चौधरी साहब की अगुवाई वाली 1967 की संयुक्त विधायक दल की सरकार ने उन्हें विधानसभा में उपाध्यक्ष बनाया था। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक खूब जोड़ तोड़, दांव पेंच लगाए गए। जबरदस्त गर्मी के मौसम में हुए इस उपचुनाव में फीका मतदान हुआ था। लेकिन वोटों की गिनती में यह चुनाव सुलतानपुर संसदीय सीट के इतिहास में सबसे कड़े मुकाबले के तौर पर दर्ज है। श्रीपति मिश्र को मात्र 249 वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई थी। मिश्र को 48,041 और डॉ कैलाश नाथ सिंह को 47,792 वोट प्राप्त हुए थे।

स्व. डॉ. कैलाश नाथ सिंह के राजनीतिक जीवन का यह इकलौता चुनाव था। पराजय के बाद वे एक बार फिर अपने चिकित्सकीय पेशे में व्यस्त हो गए। आगे उनकी कोई उल्लेखनीय राजनीतिक गतिविधि नहीं रही। लेकिन जहां तक पंडित श्रीपति मिश्र की बात थी, उनके राजनीतिक सफर में नई उपलब्धियां जुड़ती गईं। उपचुनाव में सांसद चुने जाने के कुछ दिनों बाद ही चौधरी चरण सिंह की अगुवाई वाली भारतीय क्रांति दल-कांग्रेस गठबंधन की उत्तर प्रदेश सरकार में उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। कई अन्य मंत्रालय भी मिले। उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दिया और अगले ही साल 1970 में सुलतानपुर संसदीय सीट पर एक बार फिर से उपचुनाव हुआ।

1970 में कांग्रेस ने स्व. केदारनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके वामपंथी रुझान के स्व. सिंह का किसान-मजदूर आंदोलनों से भी जुड़ाव रहा था। 1969 में कांग्रेस के ऐतिहासिक विभाजन के बाद इंदिरा गांधी नई प्रगतिशील छवि के साथ सामने आई थीं। इस दौर में स्व.सिंह कांग्रेस में काफी सक्रिय हो चुके थे। उपचुनाव में उनके मुकाबले मुस्लिम मजलिस के जुल्फिकार उल्ला और भारतीय जनसंघ के डॉ. जितेंद्र कुमार अग्रवाल प्रत्याशी थे।

मुस्लिम मजलिस और जनसंघ के प्रत्याशी की मौजूदगी में खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में इस उपचुनाव का प्रचार काफी उत्तेजक हो गया था। लेकिन नतीजों में कांग्रेस को सफलता प्राप्त हुई थी। विजयी केएन सिंह को 47,854 तथा जुल्फिकार उल्ला को 30,602 वोट प्राप्त हुए थे। तीसरे स्थान पर रहे डॉ अग्रवाल के वोट 29,560 थे। 1971 के लोकसभा चुनाव में स्व. केदारनाथ सिंह एक बार फिर इस सीट पर विजयी हुए थे। इस बार उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में उप मंत्री के तौर पर इंदिरा जी ने शामिल किया था।


दूसरी तरफ डॉ. जितेंद्र कुमार अग्रवाल को संसदीय चुनाव में भले सफलता न मिली हो लेकिन 1974 और 1977 में लगातार वे सुलतानपुर शहर की सीट से क्रमशः भारतीय जनसंघ और जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए। इलाहाबाद के वाशिंदे जुल्फिकार उल्ला को 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर सुलतानपुर संसदीय सीट पर कामयाबी मिली। मोरारजी की सरकार में उन्हें संचार मंत्री भी बनाया गया। सुलतानपुर प्रधान डाकघर और टेलीफोन एक्सचेंज की मौजूदा इमारत उन्हीं के प्रयास से निर्मित हुई थीं।

सन- 1967
प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत
गनपत सहाय कांग्रेस 1,25,453
डॉ जितेंद्र अग्रवाल जनसंघ 79,443

सन- 1969 (उपचुनाव)
श्रीपति मिश्र बीकेडी 48,041
डा. कैलाशनाथ सिंह कांग्रेस 47,792

सन- 1970 (उपचुनाव)
केदारनाथ सिंह कांग्रेस 47,854
जुल्फिकार उल्ला मुस्लिम मजलिस 30,602

सन- 1971
केदार नाथ सिंह कांग्रेस 93,946
राम प्यारे शुक्ल जनसंघ 31,131

सन- 1977
जुल्फिकार उल्ला जनता पार्टी 2,32,330
केदारनाथ सिंह कांग्रेस 66,796

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