Kanpur: फर्जी आईडी पर लोन की होगी जांच; इन लोगों के नाम हुआ था लोन...बैंकों को लगाया था दो करोड़ का चूना
कानपुर, अमृत विचार। फर्जी आईडी पर आधा दर्जन बैंकों से तकरीबन दो करोड़ रुपये का लोन लेकर हजम करने के मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू करेगा। घटना के करीब डेढ़ वर्ष बाद बैंक के अफसरों को जालसाजी की जानकारी हुई थी तब रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अब तक अफसरों को कुल नौ ऐसे मामले मिले हैं।
जून 2021 से लेकर दिसंबर 2022 तक थानों में ऐसे मामले दर्ज किए गए। तहरीर के अनुसार बैंक के सर्वेयर और अधिकारियों ने लोन लेने वाले को पाक साफ बताया था। तमाम रिपोर्ट भी लगी हुई थीं और तो और पते का सत्यापन और दूसरी पहचान का सत्यापन भी हो चुका था। पुलिस के अनुसार 2021-22 में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था, तब से इसकी जांच अलग-अलग थानों में चल रही थी।
क्राइम ब्रांच भी इसमें जांच कर चुकी है। तत्कालीन कमिश्नर असीम अरुण ने एसआईटी का गठन किया था पर एसआईटी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी। एक सप्ताह पहले ही ये जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर दी गई है।
लंबे समय तक नहीं जमा की रकम तब हुई जानकारी
लोन लेने के बाद लंबे समय तक रकम जमा नहीं की गई तब ये खेल खुलकर सामने आ गया। पुलिस की जांच में सामने आया कि तत्कालीन वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने खुद को बचाने के लिए कनिष्ठ बैंक अधिकारी पर कार्रवाई करने के बजाय उनका तबादला करा दिया। जिन लोगों के नाम मामला दर्ज किया गया है, पहले पुलिस जांच करते हुए उन लोगों तक पहुंची तो पता चला कि खाते में रकम आने के तीन दिन बाद निकल जाती थी और उन्हें 5 से 10 हजार रुपये दिया जाता था। जो जगह कारोबार के लिए दिखाई गई थी वह भी नहीं मिली।
किसके नाम हुआ लोन थाना राशि
राहुल दीक्षित गोविंद नगर 32 लाख
सीमा देवी नवाबगंज 27 लाख
संजीव भारतीया ग्वालटोली 22 लाख
रवि कुमार चकेरी 22 लाख
विवेक कुमार गुजैनी 21 लाख
दीपक शर्मा चकेरी 21 लाख
शादाब खां जाजमऊ 20 लाख
संत कुमार नौबस्ता 18 लाख
विजय सिसोदिया बर्रा 17 लाख
कमिश्नरेट से दो करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है, जिस पर जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है। -राजेश चौरसिया, एसीपी ईओडब्ल्यू