Kanpur: मुंह और नाक में रंग जाने से बढ़ी दिक्कतें; हैलट की ओपीडी में लगी मरीजों की भीड़, चार दिन में पहुंचे इतने मरीज

Kanpur: मुंह और नाक में रंग जाने से बढ़ी दिक्कतें; हैलट की ओपीडी में लगी मरीजों की भीड़, चार दिन में पहुंचे इतने मरीज

कानपुर, अमृत विचार। होली पर लोगों ने जमकर रंग, अबीर व गुलाल खेला। रंग, अबीर व गुलाल नाक और मुंह में जाने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सांस रोगियों को अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। चार दिनों में हैलट, मुरारी लाल व उर्सला अस्पताल में 350 से अधिक मरीज सांस लेने में तकलीफ के पहुंचे, जिनमें कुछ पुराने सांस रोगी भी शामिल हैं। 

हैलट व उर्सला अस्पताल की ओपीडी में होली के बाद से सांस रोगियों की संख्या बढ़ गई है। बीते चार दिनों की बात करें तो ओपीडी में 350 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इनको सांस लेने में दिक्कत होने के साथ ही खांसी, सिर दर्द व आंसू आने की समस्या थी। कुछ मरीज गले में दर्द होने की समस्या भी बता रहे हैं। 

कुछ मरीजों को जांच के लिए मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल भी भेजा जा रहा है। मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल के विभागाध्यक्ष डॉ.संजय कुमार वर्मा ने बताया कि रंग व गुलाल की वजह से सांस रोगियों की समस्या बढ़ जाती है। रंग व गुलाल में बहुत से छोटे कण होते हैं, जिससे न सिर्फ फेफड़ों की दिक्कत बढ़ती है बल्कि श्वसन तंत्र को भी यह प्रभावित करते हैं। 

रंग, गुलाल व अबीर मुंह व नाक के माध्यम से शरीर के अंदर जाते हैं, जिससे एलर्जी की समस्या बढ़ती है। सांस रोगियों के साथ ही एक्यूट ब्रोंकाइटिस भी अस्थमा के रोगियों में सबसे ज्यादा मिल रहा। सांस रोगियों को गंगा मेला में विशेष सावधानी पूर्वक रंग, अबीर व गुलाल से खेलना चाहिए।

यह भी पढ़ें- Exclusive: कांग्रेस ने सपा के साथ चुनाव अभियान को दी गति, लेकिन माकपा और भाकपा के साथ मंत्रणा अभी बाकी