अयोध्या: देवों ने दीप जलाए हैं, श्रीराम अयोध्या आए हैं... काव्य पाठ और सुरों से सजा तुलसी मंच, श्रोता हुए भावविभोर...
अयोध्या, अमृत विचार। तुलसी उद्यान में रामोत्सव के साहित्य संस्कृति मंच पर गुरुवार शाम प्रख्यात कवि आलोक श्रीवास्तव के एकल काव्य पाठ ने मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं गायिका चिन्मयी त्रिपाठी और जोयल मुखर्जी के दल के साथ शब्द और स्वर का समागम करके श्रोताओं को विभोर किया।
आलोक श्रीवास्तव ने मंच पर आते ही पढ़ा एक दिवाली तब आई थी, जब वो वन से आए थे। एक दिवाली अब आई है,जब वो मन से आए हैं, देवों ने दीप जलाए हैं, श्रीराम अयोध्या आए हैं। चिन्मयी ने अपने दल के साथ जरा धीरे राम गाड़ी हांको गाया तो वातावरण संगीतमय हो गया। जोयल और चिन्मई ने कबीर कि रचना मोरे सर से बला टली, गाई तो संगीत की धुन पर दर्शक भी कलाकारों का साथ देने लगे।
आलोक श्रीवास्तव ने कबीर दास की रचना हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या की भाव भूमि पर अपने लिखे कुछ शेर पढ़ते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की। आलोक श्रीवास्तव ने अपनी बेहद प्रसिद्ध रचना बाबूजी के कुछ अंश, भीतर से ख़ालिस जज़्बाती और ऊपर से ठेठ पिता,अलग अनूठा अनबूझा सा इक तेवर थे बाबू जी, सुनाकर सभी को पिता के अनकहे प्रेम से परिचित कराया।
कलाकारों को रामायण कान्क्लेव के समन्वयक और कबीर अकादमी के आशुतोष द्विवेदी ने शॉल और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मान किया। संचालन देश दीपक में मिश्र ने किया। पूर्व उपाध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी गिरीश, रामायण धर द्विवेदी, अमित श्रीवास्तव, अभय निर्भीक, पीयूष मिश्र समेत बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।
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