Exclusive: भाजपा-सपा के ओबीसी कार्ड पर बसपा खेल सकती ब्राह्मण उम्मीदवार का दांव...दोहराया जा सकता सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला

भाजपा-सपा के ओबीसी कार्ड पर बसपा खेल सकती ब्राह्मण उम्मीदवार का दांव

Exclusive: भाजपा-सपा के ओबीसी कार्ड पर बसपा खेल सकती ब्राह्मण उम्मीदवार का दांव...दोहराया जा सकता सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला

बांदा, (पवन तिवारी)। आम चुनावों को लेकर चुनावी मैदान में राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने अपने दावेदारों के नामों का ऐलान करके सियासी रण का बिगुल फूंक दिया है। 

जबकि बहुजन समाज पार्टी अभी उम्मीदवारों के नामों पर मुहर नहीं लगा पाई है। सूत्र बताते हैं कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ब्राह्मण बाहुल्य बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार पर ही दांव लगाकर भाजपा के साथ ही सपा के समीकरणों को भी ध्वस्त कर सकती है। 

भारत निर्वाचन आयोग के सोशल मीडिया पर वायरल पत्र के अनुसार आयोग ने 16 मार्च को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। जानकारों का मानना है कि आयोग प्रेस कांफ्रेंस के जरिए चुनाव की तारीखों का ऐलान करके समूचे देश में आदर्श आचार संहिता लागू कर सकता है। 

आदर्श आचार संहिता लागू होने की अटकलों के बीच सियासी दलों ने भी चुनावी समर में मैदान मारने को लेकर कमर कस ली है और मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने की कवायद तेज कर दी है। जहां सत्ताधारी भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद आरके सिंह पटेल पर ही भरोसा जताया है, वहीं सपा गठबंधन ने कुर्मी बिरादरी से आने वाले पुराने भाजपाई पूर्व मंत्री शिवशंकर सिंह पटेल पर दांव लगाया है। 

जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। सियासत के जानकार बसपा की इस चुप्पी के कई मायने निकाल रहे हैं और तरह– तरह की अटकलों का बाजार भी गरम है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि बसपा बांदा-चित्रकूट लोकसभा में किसी मजबूत ब्राह्मण चेहरे की तलाश कर रही है, बसपा अपने मूल वोट बैंक के साथ ब्राह्मणों काे जोड़कर सियासी रण जीतने की जुगत भिड़ा सकती है। 

जातीय आंकड़ों पर नजर डालें तो लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है और बसपा का एससी वोट बैंक भी बहुतायत संख्या में मौजूद है। हाल ही में बसपा प्रमुख मायावती ने बयान जारी करते हुए लोकसभा में बहुतायत संख्या वाली बिरादरी से उम्मीदवार उतारने का दावा भी किया था। 

Lok Sabha Banda 1

बसपा ने ब्राह्मण उम्मीदवार पर दांव लगाया तो उससे भाजपा को ही अधिक नुकसान के हालात बनते दिखाई देते हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि बसपा में अतर्रा निवासी एक ब्राह्मण नेता के नाम के साथ ही चित्रकूट निवासी भाजपा के एक धुरंधर ब्राह्मण नेता के नाम पर चर्चा चल रही है। 

सूत्रों की मानें तो बसपा समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए यहां से मुस्लिम समाज से भी उम्मीदवार उतार सकती है। कुल मिलाकर बसपा की चुप्पी सियासी गलियारे में तरह–तरह की चर्चाओं को हवा दे रही है। 

उधर वरिष्ठ बसपा नेता लल्लू निषाद बताते हैं कि अभी संगठन की ओर से प्रत्याशियों के नामों को लेकर चर्चा की जा रही है, हालांकि कई नेताओं ने अपना आवेदन प्रस्तुत करके दावेदारी ठोंकी है। कांशीराम जयंती के बाद उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की जाएगी और दमदार उम्मीदवार मैदान में उतारा जाएगा। 
 
विरोध के बीच सांसद की राह मुश्किल 

भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद आरके सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन शायद लोकसभा क्षेत्र के नेताओं के साथ ही यहां की जनता को वह मंजूर नहीं हैं। जिस दिन से उनके टिकट का ऐलान हुआ है, लगातार क्षेत्र में उनके विरोध में स्वर भी बुलंद होने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो पटेल को अपने गृह जनपद में ही खासा विरोध झेलना पड़ रहा है। 

उधर भाजपा के नेता भी उनके दोबारा प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज दिख रहे हैं। हालांकि सांसद आरके सिंह पटेल मोदी लहर पर सवार होकर संसद तक पहुंचने की उम्मीद लगाए हुए हैं। हालांकि लोकसभा क्षेत्र में उनकी सजातीय कुर्मी बिरादरी का भी खासा दखल बताया जाता है, लेकिन सपा से भी कुर्मी बिरादरी के शिवशंकर सिंह पटेल के चुनाव मैदान में होने से यहां भी उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।

मोदी लहर के बीच आरके सिंह पटेल क्षेत्र में अपने विरोध को दरकिनार करने का दावा कर रहे हैं और रूठों को जल्द ही मनाने का दम भर रहे हैं। 
 
समाजवादी पार्टी खेल सकती है ब्राह्मण कार्ड 

वैसे तो समाजवादी पार्टी ने पहले ही अपने उम्मीदवार के रूप में बबेरू निवासी शिवशंकर सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतार दिया था, लेकिन भाजपा से भी कुर्मी बिरादरी का उम्मीदवार आने के बाद सपा में टिकट का फेरबदल होने की अटकलें तेज हो गई हैं।

चर्चा है कि सपा बांदा-चित्रकूट लोकसभा से ब्राह्मण उम्मीदवार पर दांव लगाकर ब्राह्मण कार्ड खेल सकती है। सूत्रों की मानें तो चित्रकूट निवासी भाजपा के धुरधंधर ब्राह्मण नेता सपा सुप्रीमो के संपर्क में हैं और टिकट की लाइन में अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं। 

उधर कांग्रेस के एक ब्राह्मण दिग्गज भी गठबंधन धर्म के तहत टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव टिकट बदलने के मामले में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचे और टिकट के दावेदारों की नब्ज टटोल रहे हैं।  सपा मुखिया का निर्णय चुनाव की दिशा को क्या मोड़ देता है, यह तो भविष्य के गर्त में हैं।

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