बहराइच: मेडिकल कॉलेज में नहीं हो रहा प्राइवेट मेडिकोलीगल, वादकारी परेशान, भटक रहे इधर-उधर
जिला अस्पताल में पहले होता था प्राइवेट मेडिकल

बहराइच, अमृत विचार। स्टेट मेडिकल कॉलेज में 6 माह से अधिक समय बीत गया है अब प्राइवेट मेडिकोलीगल नहीं हो रहा है। जिसके चलते वादकारी मेडिकल के लिए भटक रहे हैं। उनके लिए कोई इंतजाम स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं किया जा रहा है। इसका नतीजा है कि पीड़ित को कोर्ट के आदेश के बाद भी मेडिकल करवाने के लिए भटकना पड़ रहा है।
जिला मुख्यालय पर स्टेट मेडिकल कॉलेज संचालित है। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध होने से पूर्व जिला अस्पताल में सरकारी और प्राइवेट मेडिकल जांच होती थी। लेकिन जब से जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज में संबद्ध हुआ है, तब से यहां की व्यवस्थाएं बदलती जा रही हैं। इसका आलम है कि मेडिकल कॉलेज में अब प्राइवेट मेडिकोलीगल नहीं हो रहा है। ऐसे में जो व्यक्ति पीड़ित है और चोट खाया है पुलिस उसकी सुनवाई नहीं कर रही है।
कोर्ट के आदेश पर मेडिकल करवाने का आदेश दिया जा रहा है, उसे भी मेडिकल से वंचित रहना पड़ रहा है। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति न्याय के लिए कहां जाए, यह सवाल जिले वासियों के मन में गूंज रहा है। लगभग आठ माह से पूरी तरह से प्राइवेट मेडिकल जांच पर अंकुश लगा हुआ है।
सीएमओ डा. राजेश कुमार का कहना है कि सीएचसी में लोग मेडिकल करवा सकते हैं। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय खत्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अब जिला अस्पताल नहीं है। मेडिकल कॉलेज में प्राइवेट मेडिकल नहीं हो सकता है। यह रोक सितंबर माह से लगा है।
जरूर हो वैकल्पिक व्यवस्था
जिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में तब्दील होने के चलते प्राइवेट मेडिकल नहीं हो रही है। इससे किसी भी पीड़ित को कोर्ट के आदेश के बाद भी न्याय नहीं मिलेगा इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था जरूर होनी चाहिए जिससे कि कोर्ट के आदेश पर कम से कम पीड़ित को न्याय मिल सके। मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही पुलिस केस दर्ज करने के साथ धाराएं बढ़ाती है।
अरशद कुद्दुस, अधिवक्ता, दीवानी न्यायालय
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