हल्द्वानी: क्रशर ने घटाए दाम, गोरापड़ाव गेट से हड़ताल का एलान

हल्द्वानी: क्रशर ने घटाए दाम, गोरापड़ाव गेट से हड़ताल का एलान

हल्द्वानी, अमृत विचार। क्रशर स्वामियों और डंपर मालिकों के बीच रेत के दाम को लेकर रार पैदा हो गई। डंपर मालिकों ने एक तरह से हड़ताल का एलान करते हुए खनिज लदे डंपरों से लालकुआं स्टोन क्रशर को घेर लिया। जिसके बाद गोरापड़ाव गेट से चुगान लगभग रुक गया। विवाद नहीं सुलझा तो सभी 11 गेटों पर हड़ताल हो सकती है। 

लगभग सवा महीने पहले गौला नदी से खनिज की निकासी शुरू हुई। क्रशर मालिकों और वाहन स्वामियों के बीच 29.50 रुपये प्रति क्विंटल की दर से रेत खरीदना तय हुआ, लेकिन 10 दिन पहले क्रशर मालिकों ने 2 रुपये घटाए और रविवार को और 2 रुपये कम कर दिए।

इससे नाराज गोरापड़ाव गेट के वाहन स्वामियों ने खनिज से वाहन तो भरे, लेकिन क्रशर में माल अनलोड नहीं किया। बल्कि खनिज लदे डंपरों से क्रशर का घेराव कर लिया। तय किया कि जब तक वाहन मालिकों को उचित रेट नहीं मिलता, तब न तो वह माल अनलोड करेंगे और न ही वाहन नदी में उतारेंगे। 

बहरहाल, वाहन स्वामियों के इस फैसले से गोरापड़ाव खनन गेट में चलने वाले करीब 12 वाहनों में से अधिकांश खड़े हो गए हैं। गौला खनन संघर्ष समिति के अध्यक्ष पम्मी सैफी, दर्पन सिंह, तारा सिंह, उमेश भट्ट, गणेश भट्ट और जग्गू राणा का कहना है कि वाहन स्वामियों का शोषण नहीं होना चाहिए। साल में सिर्फ तीन-चार महीने के लिए कारोबार मिलता है तो उचित भाड़ा भी मिलना चाहिए। वहीं पृथ्वी राज पाठक का कहना है कि हमने गाड़ियां रोक दी हैं और जब तक उचित दाम नहीं मिलेगा, तब तक गाड़ियां नहीं चलाएंगे। इधर, बताया जा रहा है कि बुधवार को वाहन मालिकों और क्रशर स्वामी के बीच वार्ता होगी। 

नए गाड़ी मालिक को और कम मिल रहे दाम
हल्द्वानी : क्रशर मालिकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पुराने वाहन चालकों को पहले दो रुपये और अब और दो रुपये कम दिए जा रहे हैं। इस पर अगर कोई नया गाड़ी मालिक खनिज लेकर क्रशर पहुंचता है तो क्रशर उसे 6 रुपये कम में माल खरीदता है। मजबूरी में नए वाहन स्वामियों को यह प्रताड़ना सहन करनी पड़ रही है। जबकि निकासी से पहले एसएडीएम की मध्यस्ता में वाहन और क्रशर मालिकों के बीच 29.50 रुपये का रेट तय हुआ था। 

11 गेट से रोज निकलता है 9 लाख क्विंटल खनिज
गौला नदी के 11 खनन गेटों से करीब 9 लाख क्विंटल खनिज रोजाना निकाला और क्रशर तक पहुंचाया जाता है। इन 11 गेटों पर करीब 7500 डंपर चलते हैं और सिर्फ 12 डंपर गोरापड़ाव खनन गेट से निकासी करते हैं। एक डंपर 115 से 120 क्विंटल माल लोड कर क्रशर के लिए निकलता है। ऐसे में अगर वाहन स्वामियों और क्रशर मालिकों के बीच उपजा विवाद न सुलझा तो इससे न सिर्फ वाहन व क्रशर मालिकों को नुकसान होगा, बल्कि सरकार का राजस्व भी डूबेगा। 

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