बदायूं: पुरानी रंजिश में बांकेलाल की हुई थी हत्या... पुलिस ने किया खुलासा, तीन को जेल भेजा

बदायूं: पुरानी रंजिश में बांकेलाल की हुई थी हत्या... पुलिस ने किया खुलासा, तीन को जेल भेजा

बदायूं, अमृत विचार: तकरीबन 26 साल पहले युवक की हत्या के शक में सुपारी देकर थाना कुंवरगांव क्षेत्र के गांव बिहारी गौटिया निवासी मुकद्दम उर्फ बांके लाल की हत्या कराई गई थी। पुलिस ने तीन हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से आलाकत्ल गंडासा और तमंचे बरामद करते हुए जेल भेज दिया जबकि एक हत्यारोपी फरार है। एसएसपी आलोक प्रियदर्शी और एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्ताव ने बुधवार को हत्याकांड का खुलासा कर दिया। 

गांव बिहारी गौटिया निवासी मुकद्दम उर्फ बांके लाल की 12 फरवरी की रात निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस वे किनारे गला काटकर हत्या कर दी गई थी। सिर धड़ से अलग था। मृतक के भाई राजपाल ने जमीन की रंजिश की वजह से हत्या करने का आरोप लगाते हुए गांव के चार लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

घटनास्थल को देखते हुए शुरूआत से ही पुलिस हत्याकांड के पीछे किसी और हाथ होना मान रही थी। पुलिस और एसओजी ने दोनों मामले पर जांच शुरू की। मृतक का मोबाइल सर्विलांस पर लगाया। गांव कैली निवासी पूजा की लोकेशन मिली। पुलिस ने पूजा को हिरासत में लिया और पूछताछ की।

वह हर बार अलग-अलग कहानी बताती रही। जिसका आपस में तालमेल नहीं हो रहा था। पुलिस ने सख्ती बरती इसके बाद भी महिला नहीं टूटी। शक के आधार पर पुलिस ने नौ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। हत्याकांड की कड़ी जोड़ी। चार लोगों के नाम सामने आए।

पुलिस ने गांव भैसामई निवासी फाजिल पुत्र मुनाफ, गांव कैली निवासी पूजा पत्नी राम सिंह उर्फ लल्ला और गांव दुगरैया निवासी जाबिर पुत्र असलम को गिरफ्तार किया जबकि गांव बिहारी गौटिया निवासी हाकिम पुत्र रामजीत फरार है। 1998 में हुई हत्या के शक में मृतक के भाई हाकिम ने दो लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी थी।

बुधवार को एसएसपी ने खुलासा करके हत्यारोपियों के बारे में जानकारी दी। सीओ सिटी आलोक मिश्रा मौजूद रहे। खुलासा करने वालों में एसओजी प्रभारी नीरज कुमार, कुंवरगांव के प्रभारी निरीक्षक इंद्र कुमार, एसओजी के भूपेंद्र कुमार, आजाद कुमार, कुशकांत, अरविंद कुमार, सचिन कुमार, विपिन कुमार, सचिन झा रहे।

इस तरह हत्याकांड को दिया गया अंजाम
गांव बिहारी गौटिया में साल 1998 में गुलफाम की हत्या कर दी गई थी। गांव के कई लोग जेल गए थे। पुलिस की जांच में मुकद्दम उर्फ बांके लाल का हत्या में कोई रोल नहीं था लेकिन मृतक गुलफाम के परिजनों को शक था कि बांके लाल ने ही गुलफाम की हत्या कराई है।

मृतक गुलफाम के भाई हाकिम की पास के गांव निवासी आपराधिक प्रवृत्ति के फाजिल से दोस्ती थी। जिसे बांके लाल भैंस चोरी में नामजद करा चुके थे। हाकिम ने उससे संपर्क किया। बांके लाल की हत्या की सुपारी दो लाख रुपये में दी। फाजिल ने अपने साथी जाबिर और दोस्त पूजा के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। पूजा ने फोन करके बांके लाल को ट्यूबवैल पर बुलाया। उन्हें शराब पिलाई। नशे में होने पर पूजा ने बांके लाल के हाथ पकड़े और मुंह दबाया। फाजिल ने पैर पकड़े और जाबिर ने गंडासा से गर्दन काटकर हत्या कर दी। 

पुलिस ने नाले से बरामद किया मृतक का मोबाइल
बांके लाल दो मोबाइल फोन चलाते थे। 13 फरवरी की सुबह ट्यूबवैल पर शव मिला तो दोनों मोबाइल फोन गायब थे। जिनके नंबर बंद जा रहे थे। पुलिस ने हत्यारोपियों से आलाकत्ल बरामद कर लिया। मोबाइल फोन के बारे में पूछने पर पूजा ने बताया कि उसने शहर के पुलिस लाइन चौराहे के पास नाले में मोबाइल फोन फेंक दिए हैं। मंगलवार रात पुलिस ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी से बात करके नाले में जाने वाला पानी रुकवाया। नाले से मोबाइल फोन बरामद किया। 

शोर न हो इसलिए गंडासा से की हत्या
घटना के दौरान हत्यारोपियों के पास पौनिया और तमंचे भी थे लेकिन रात में आसपास खेतों पर किसान काम कर रहे थे। हत्यारोपियों ने सोचा कि अगर गोली मारी तो आवाज होगी और ग्रामीण मौके पर पहुंच जाएंगे। शोर न हो इसलिए गंडासा से गला काटा था। खुलासा से पहले पुलिस ने हत्यारोपियो के पास से गंडासा, पौनिया, तमंचा और छह जिंदा कारतूस बरामद किए। 

फाजिल ने कराया था पूजा के मोबाइल का रिचार्ज
योजना बनाने के बाद बांके लाल की हत्या के रिपोर्ट पूजा के मोबाइल में बैलेंस नहीं था। उसने यह बात फाजिल को बताई तो फाजिल ने उसका मोबाइल नंबर रिचार्ज कराया था। जिसके बाद उसने बांके लाल को फोन करके ट्यूबवैल पर बुलाया था। 

हत्या करने के बाद जाबिर ने मां को दी थी सूचना
बांके लाल की हत्या के बाद जाबिर अपने घर पहुंचा था। उसने अपनी मां को हत्या करने की बात कही थी। मां ने जिलाधिकारी के सामने पेश होने की बात कही थी लेकिन पुलिस की कार्रवाई के डर से वह भाग गया था। मां ने उसके भाई को बताया। जिसके बाद से गांव में उसके हत्या करने की चर्चा आम हो गई थी।

संरक्षण पाने के लिए प्रधान का लिया था नाम
हत्याकांड में गिरफ्तार हुई पूजा बहुत शातिर है। उसके ऊपर हत्या के आरोप में मुकदमा चल रहा है। पुलिस की पूछताछ में उसने एक बार बताया कि वह मौके पर नहीं थी तो अगले ही पल बताया कि वह मौके पर थी। उसने एक गांव के प्रधान अन्य तीन लोगों पर भी साथ होने की बात कही।

पुलिस ने उन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की लेकिन उनके मौके पर होने का साक्ष्य नहीं मिला। हत्याकांड के खुलासे के बाद पुलिस ने महिला से सख्ती की तो वह टूट गई। उसने बताया कि प्रधान का क्षेत्र में रसूख है। हत्या करने वाले अगर प्रधान को फंसा लिया तो वह खुद को बचाने को हमें भी बचा लेगा। उसका संरक्षण होगा तो पुलिस कुछ नहीं करेगी।

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