Video: बतसियों की रोशनी से जगमग होगी शब-ए-रात, तेजी से घूमने लगे कुम्हारों के चाक

Video: बतसियों की रोशनी से जगमग होगी शब-ए-रात, तेजी से घूमने लगे कुम्हारों के चाक

मिथिलेश त्रिपाठी, प्रयागराज, अमृत विचार। तकनीकी के जमाने में मिट्टी के उत्पादों को पंख लगाने वाला त्योहार करीब आ रहा है। इस बार भी शब-ए-रात कुम्हारों के बनाए हुए बतसियों से जगमग होगी। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। कुम्हारों के चाक तेजी से घूमने लगे हैं। वो कम समय में ज्यादा से ज्यादा बतसिया तैयार कर अपनी आजिविका का इंतजाम करने में जुट गए हैं।

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मिट्टी में पैदा लेकर मिट्टी का कारोबार करने वाले कुंहारों की चांदी हो गयी है। कुंहार मिट्टी के बने बतसिये को बेचकर मालामाल हो रहे है। प्रयागराज के कुम्हराना बस्ती में रहने वाले श्री कुम्हार बताते है कि डिजिटल जमाने में अब फैंसी पटाखों की धूम है। लेकिन शबेरात त्यौहार पर लोग बतसिये की खरीदारी ज्यादा करते हैं। प्रयागराज में बनने वाले बतसिये को लेकर अभी से आर्डर मिलने शुरु हो गये है। इस बार काफी अधिक आर्डर मिले है। 

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श्रीकुम्हार ने बताया कि कानपुर, बनारस, कौशांबी, प्रतापगढ़ के आलावा मध्य प्रदेश के रीवा, चाक घाट सहित कई जगहों से लोगों ने आर्डर दिया है। अगर आर्डर की बात करे तो किसी ने 10 सैकड़ा तो किसी ने 20 सैकड़े का आर्डर दिया है। इससे इस बार काफी मुनाफा होने की उम्मीद है। 

300 रुपये सैकड़े में मिल रही बतसिया

 श्री कुंहार ने बताया कि पहले मिट्टी मिलने में आसानी होती थी। जिसके लिहाज से बतसिया 50 रुपये सैकड़े में मिलती थी। लेकिन अब मिट्टी मिलने में भी मुश्किल होती है। जिसके कारण इस बार बतसिया महंगी हो गयी है। जो पहले 1 रुपये और 2 रुपये पीस में मिलती थी अब वह 3 से 5 रुपये में मिल रही है। 

बारिश में बनाने में हो रही परेशानी

बताया कि कुछ दिनों से हो रही बारिश और ठंड में कोहरे के कारण इन्हें सुखाने में परेशानी भी हो रही है। लेकिन किसी तरह से इन्हें सुखाने की कोशिश की जा रही है। आर्डर अधिक होने के कारण आर्डर को पूरा करने के लिए दिन के साथ रात में भी काम किया जा रहा है।

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