Kanpur: पुलिसकर्मियों के बयानों पर उठाया सवाल... सपा विधायक इरफान सोलंकी आगजनी कांड में बचाव पक्ष की दलील

कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी आगजनी कांड में बचाव पक्ष ने तत्कालीन इंस्पेक्टर, विवेचक समेत तीन पुलिसकर्मियों के बयानों पर विरोधाभास जाहिर किया। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि कांड का एक अन्य गवाह पुलिस का सिखाया हुआ है।
कानपुर, अमृत विचार। सपा विधायक इरफान सोलंकी आगजनी कांड में बचाव पक्ष ने तत्कालीन इंस्पेक्टर, विवेचक समेत तीन पुलिसकर्मियों के बयानों पर विरोधाभास जाहिर किया। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि कांड का एक अन्य गवाह पुलिस का सिखाया हुआ है। सपा विधायक के अधिवक्ता ने उसके बयान को संदेहास्पद बताया। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 12 फरवरी निर्धारित की है।
डिफेंस कॉलोनी निवासी नजीर फातिमा की झोपड़ी फूंकने के मामले में एमपीएमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। आगजनी कांड के आरोपी सपा विधायक इरफान सोलंकी व उनके भाई रिजवान सोलंकी के अधिवक्ता सईद नकवी ने जाजमऊ थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर अभिषेक सिंह के बयानों पर विरोधाभास जाहिर करते कहा कि तत्कालीन इंस्पेक्टर का कहना था कि घटना के समय मौके पर करीब 450 लोगों की भीड़ थी, जिसमें पीड़ित परिवार के तीन महिला व तीन पुरुष शामिल थे। तर्क दिया कि 450 लोगों की भीड़ में तत्कालीन इंस्पेक्टर ने कैसे परिजनों की पहचान की।
पुलिस के एक अन्य गवाह जाजमऊ थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मी पिंकी के बयानों का विरोध करते हुए अधिवक्ता ने कहा कि महिला पुलिसकर्मी ने बताया था कि उनकी ड्यूटी सुबह आठ से रात आठ बजे तक की थी, जबकि मुकदमा रात साढ़े आठ बजे दर्ज हुई। सवाल उठाते हुए पूछा कि आधे घंटे ज्यादा रुकने पर उन्होंने जीडी में दर्ज कराया था, जिस पर महिला पुलिसकर्मी ने मना किया।
इसके साथ ही कहा कि मामले के विवेचक व पुलिस की ओर से पेश गवाह विष्णु सैनी ने अलग-अलग सपा विधायक इरफान सोलंकी व उनके भाई रिजवान का घर अलग-अलग बताया है। तर्क दिया कि विष्णु सैनी को पुलिस ने जो बताया उतना उसने कोर्ट को बताया है।
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