अमेठी: ग्रामीणों ने परेशान होकर परिषदीय स्कूल में छुट्टा मवेशियों को किया बंद, शिक्षण कार्य रहा प्रभावित

अमेठी: ग्रामीणों ने परेशान होकर परिषदीय स्कूल में छुट्टा मवेशियों को किया बंद, शिक्षण कार्य रहा प्रभावित

अमेठी। जिले भर में इन दिनों आवारा पशु किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं और सड़कों पर बैठे पशु हादसे का सबब बनते जा रहे हैं। इससे परेशान होकर विकास खण्ड शाहगढ़ के दक्खिन गांव के ग्रामीणों ने करीब करीब 90 आवारा गोवंशीय पशुओं को प्राथमिक विद्यालय में बंद कर ताला डाल दिया।

सुबह विद्यालय पहुंचे शिक्षक और बच्चे यह नजारा देखकर हैरान रह गए। बीईओ ममता सरकार ने इसकी सूचना पुलिस और बीडीओ को दी। सूचना पर कुछ देर बाद एडीओ पंचायत और पुलिस स्कूल पहुंची और आवारा पशुओं को वाहन से ले जाकर गौ आश्रय स्थल में छोड़ने का दावा किया। 

ग्रामीणों के मुताबिक तहसील क्षेत्र में आवारा पशुओं की संख्या काफी बढ़ गर्द है, जो फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह समस्या जिले भर की है। आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए ग्रामीण लगातार प्रशासन से गुहार लगाते रहते है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। इससे परेशान होकर रविवार की रात शाहगढ़ ब्लाक के दक्खिन गांव के रहने वाले ग्रामीणों ने करीब 90 आवारा पशुओं को प्राथमिक विद्यालय दक्खिन गांव परिषर में कैद कर दिया।

सुबह जब शिक्षक व बच्चे स्कूल पहुंचे तो नजारा देखकर दंग रह गए। बीईओ ममता सरकार ने इसकी सूचना बीडीओ आरके गुप्ता और पुलिस को दी। बीडीओ ने एडीओ पंचायत और सिक्रेटरी को पुलिस की मदद से स्कूल से आवारा पशुओं को गाड़ी से ले जाकर गौशाला गरथोलिया में संरक्षित करने का निर्देश दिया। पुलिस की मदद से ब्लाक कर्मियों ने पशुओं को वाहन से ले जाकर गौशाला गरथोलिया में संरक्षित करने का दावा किया है।

इससे पहले भी ग्रामीण आवारा पशुओं से परेशान होकर विकास खण्ड संग्रामपुर परिषर में कैद कर दिया था। बाद में कर्मचारियों ने गौ आश्रय स्थल में संरक्षित करने का दावा किया था। लेकिन कुछ ही देर में कैद किये गए पशुओं को फिर से खुल्ला छोड़ दिया था।

आये दिन फसलों को नष्ट कर रहे आवारा पशुओं को सरकारी परिषरों में कैद किये जाने से गौ आश्रय स्थल में संरक्षित करने के दावे की पोल खुलती नजर आ रही है। सरकार एक तरफ किसान की आय दो गुनी करने की बात कर रही है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से यहां किसान की लागत निकलना मुश्किल हो जा रहा है। 

पुलिस और ब्लाक कर्मचारियों की मदद से ही स्कूल परिषर से पशुओं को निकाला गया है, ग्रामीणों द्वारा स्कूल परिषर में पशुओं को कैद करने की वजह से सोमवार को दिन भर शिक्षण कार्य प्रभावित रहा.., ममता सरकार बीईओ शाहगढ़।

एडीओ पंचायत और सिक्रेटरी को स्कूल भेजकर स्कूल परिषर में कैद किये गए आवारा पशुओं को वाहनों से ले जाकर गौ आश्रय स्थल गरथोलिया में संरक्षित करने के निर्देश दिए गए थे..,आरके गुप्ता खंड विकास अधिकारी शाहगढ़।

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